शादी के बाद सिर्फ महिलाएं ही है जिन्हें सुहाग की निशानियां दिखानी पड़ती है जैसे सिंदूर, चूड़ा और आदि मेहँदी आदि। इसके बाद समाज के द्वारा ये अपेक्षा भी की जाती है महिलाएं रिवायती कपडे जैसे सूट, साडी आदि कपडे को पहने। लेकिन क्या ये महिलाओं के लिए जरुरी हैं? मर्दों पर ऐसी कोई पाबन्दी क्यों नहीं है? महिलाओं को उनकी चॉइस पर जज किया जाता है। महिलाओं को ही सभी रीती रिवाजों को फॉलो करने के लिए कहा जाता है।
क्या शादी के तुरंत बाद क्या महिला केजुयल कपड़े नहीं पहन सकती?
परिणीति को कैजुअल लुक के लिया किया ट्रोल
परिणीति और राघव को शादी के बाद केजुयल लुक में स्पॉट किया गया था। परिणीति ने ओफ़ शोल्डर गुलाबी रंग का कफ़तान पहना हुआ था। इसके साथ उन्होंने लूस जीन पहनी हुई थीं। इसके साथ राघव भी बिल्कुल सिम्पल लुक में थे। जब यह वीडीओ सोशल मीडिया पर चलने लगी लोगों ने रीऐक्ट करना शुरू कर दिया।
वाइरलबिरयानी की पोस्ट पर यूज़र लिखते है- लग ही नहीं रहा की उसकी शादी हो गई कितनी बेकार लग रही।
एक और कॉमेंट था- कैसे अजीबो गरीब ड्रेस पहनी है-
एक और यूज़र ने लिखा वे फ़ैशन डिसास्ट्र है।
महिलाओं को किया जाता है टारगेट
महिलाओं को हमेशा उनके कपड़ो की चॉइस के लिया ट्रोल किया जाता है लेकिन यह एक महिला की खुद का मन है उसे कैसे तैयार होना किस मौके पर क्या पहनना है। समाज में दोगलापन है जो महिलाओं के अलग रूल और सोच रखता और मर्दों के लिए अलग। खराबी किसी के कपडे में नहीं है खराबी सोच में है जो आज के समय में भी महिलाओं के खुलकर जीने पर सवाल उठाती है। यूजर के द्वारा भर भर के लिखा गया कि यह ब्राईडल लुक नहीं है तुम्हे साड़ी पहनना चाहिए था।
क्या होती है ब्राइडल लुक?
ब्राइडल लुक में कोई भी खास कपडे नहीं है। यह एक महिला की निज्जी चुनाव है उसे क्या पहनना है। नई दुल्हन चाहे केजुएल पहने चाहे ट्रडिशनल इस पर किसी को कोई भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए।