हर व्यक्ति किसी ना किसी से लाइफ़ में धोखा मिलता हैं। इस बात के लिए सिर्फ़ औरतों को सामान्यीकरण किया जाता हैं । अपने पार्ट्नर को धोखा देना बिल्कुल ग़लत बात है चाहे वो औरत हो या मर्द किसी का भी अपने पार्ट्नर को धोखा देना जायज़ नहीं है। हमारे समाज हमेशा ही इस बात को लेकर दोगलापन रहा हैं कि औरतें धोखा देती हैं ये तो मर्दों के पैसे पीछे होती हैं। इसके अलावा मर्दों के लिए रायें अलग होतो हैं। मामला कोई भी हो लेकिन हर मामले में समाज औरत को नीचा दिखाता है। उसको ही हर मामले में नीचा दिखाया जाता हैं।
Women Only Cheats: क्यों धोखे के लिए औरतें बदनाम हैं?
मर्दों का सामान्य माना जाता हैं
पार्ट्नर को धोखा देने की बात करें अगर मर्द यह काम करें तो समाज कहता लड़कों का इतना करना तो स्वाभाविक है। अभी लड़के होकर इतना तो करेंगे फिर क्या हो गया अगर शादीशुदा होते होए भी वो बाहर संबंध रखता है अपनी पत्नी और बच्चों को तो पाल रहा है। अगर दूसरी तरफ़ औरत ऐसा करे तो उसके चरित्र पर उँगलियाँ उठाई जाती गरिमा पर सवाल उठाए जाते है हमारे समाज इस चीज़ को नैतिकता से नहीं जोड़ा जाता बल्कि लिंग से जोड़ा है । अगर मर्द करे तो ठीक औरत करे तो वो बेशर्म है उसे अपने बच्चों की कोई परवाह नही है।
लड़कियों से इज्जत दांव पर लग जाती हैं?
एक और बात जो हमारे देश में बहुत प्रचलित है वो है इज़्ज़त लड़की कुछ भी करे घरवालों की इज़्ज़त दांव पर लग जाती है वही लड़के चायें परिवार का अपमान करे, बीवी को धोखा दे फिर नही इनकी इज़्ज़त को कुछ होता। किसी भी मर्द का एक से ज़्यादा सेक्शूअल पार्ट्नर होना नोर्मल माना जाता है इसे असली मर्द होने की निशानी माना जाता है और वही दूसरी तरफ़ अगर किसी लड़की के एक से ज़्यादा सेक्शूअल पार्ट्नर हो तो पूरा समाज उस लड़की को बदनाम करता हैं उसके बारे में अलग अलग बातें बनाता है ।
धोखा जेंडर पर आधारित नहीं
धोखा देना किसी के व्यवहार में हो सकता है लेकिन इसका जेंडर के साथ कोई सम्बंध नहीं हैं। हमारे समाज में इसे जेंडर से जोड़ा जाता हैं। इस बात को एक धारणा बम लिया हैं कि धोखा सिर्फ़ औरतें देती हैं क्योंकिवे पैसे के पीछे भागती हैं।जबकि होना ऐसा चाहिए कि औरत हो चाहे मर्द दोनो को अपने पार्ट्नर को धोखा देना उचित नही है दोनो को इस लिए सज़ा के हक़दार है।