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To Avoid Stress and Conflicts, Understand the Difference Between Ego and Self-Respect: रिश्तों में सबसे आम समस्याओं में से एक है ईगो (Ego) और सेल्फ-रेस्पेक्ट (Self-Respect) के बीच का भ्रम। कई बार हम अपनी खुद की भावनाओं और मान-सम्मान को आत्म-सम्मान (Self-Respect) समझने की भूल कर बैठते हैं, जबकि वास्तव में वह केवल हमारा अहंकार (Ego) होता है। यह अंतर समझना बेहद जरूरी है क्योंकि ईगो रिश्तों को तोड़ता है, जबकि सेल्फ-रेस्पेक्ट रिश्तों को मजबूत बनाता है। इस लेख में हम इन दोनों के बीच के अंतर को समझेंगे और जानेंगे कि किस तरह से हम तनाव और झगड़ों से बच सकते हैं।
तनाव और झगड़ों से बचना है, तो समझ लें ईगो और सेल्फ रेस्पेक्ट में अंतर
ईगो और सेल्फ-रेस्पेक्ट में अंतर
1. परिभाषा में अंतर
ईगो (Ego): ईगो यानी अहंकार वह मानसिक अवस्था है, जिसमें व्यक्ति खुद को दूसरों से बेहतर समझता है और अपनी सोच को ही सही मानता है। यह आत्म-केंद्रित मानसिकता को दर्शाता है।
सेल्फ-रेस्पेक्ट (Self-Respect): सेल्फ-रेस्पेक्ट यानी आत्म-सम्मान वह भावना है, जिसमें व्यक्ति खुद की गरिमा बनाए रखता है और दूसरों के सम्मान को भी महत्व देता है। यह आत्म-स्वीकृति और आत्म-प्रेमसे जुड़ा होता है।
2. व्यवहार में अंतर
ईगो में व्यक्ति अपनी गलती स्वीकार नहीं करता और हमेशा खुद को सही साबित करने में लगा रहता है।
सेल्फ-रेस्पेक्ट वाला व्यक्ति अपनी गलतियों को समझता है और दूसरों की भावनाओं का भी सम्मान करता है।
3. रिश्तों पर प्रभाव
ईगो रिश्तों में दूरियां बढ़ाता है। यह अहंकार से भरा होता है और इसलिए व्यक्ति माफी मांगने से बचता है, जिससे झगड़े और गलतफहमियां बढ़ जाती हैं।
सेल्फ-रेस्पेक्ट रिश्तों को संजोकर रखता है। यह आत्म-सम्मान की भावना को बनाए रखता है और साथ ही दूसरों की भावनाओं की भी कद्र करता है।
4. निर्णय लेने के तरीके में अंतर
ईगो के कारण व्यक्ति केवल अपनी इच्छाओं को प्राथमिकता देता है।
सेल्फ-रेस्पेक्ट व्यक्ति को संतुलित और न्यायसंगत निर्णय लेने में मदद करता है।ल्दबाजी में प्रतिक्रिया न दें, बल्कि समझदारी से सोचे-समझे फैसले लें।