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How does a relationship change when a man redefines masculinity to honor his partner? हमारे समाज में औरतों के हालात सुधारने के लिए पुरुषों को अपने आप में बदलाव करने होंगे। यह बात सुनने में अजीब लग सकती है लेकिन असल सच्चाई यही है। सदियों से महिलाओं के साथ होने वाले बुरे व्यवहार के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया गया है या फिर उन्हें ही अपने आप में बदलाव लाने के लिए कहा गया लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा है क्योंकि असली समस्या जड़ से खत्म नहीं हुई है। जब तक पुरुष अपनी पुरुषता नहीं छोड़ेंगे तब तक महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं आ सकता है। चलिए आज इस विषय के ऊपर बात करते हैं-
जब रिश्ते में पुरुष अपनी Masculinity छोड़ देता है क्या असर पड़ता है
जब पुरुष अपनी पुरुषता छोड़कर महिलाओं को बराबर मानेंगे और उनके ऊपर अपना अधिकार नहीं जमाएंगे तो समाज में बदलाव आ सकता है। अब पुरुषता छोड़ने का मतलब यह नहीं है कि पुरुषों को स्त्रियों की तरह बनना है। इसका मतलब है कि उन्हें अपनी मेल ईगो को छोड़ देना है और महिलाओं के समान खुद को रखना है। इससे समाज में बराबरी आएगी और इंक्लूजिविटी भी बढ़ेगी। इससे दूसरे वर्गों को भी आगे आने का मौका मिलेगा और मेल डोमिनेंस बहुत हद तक कम हो जाएगी।
महिलाओं के साथ होने वाले अपराध इसलिए आज भी बने हुए हैं क्योंकि पुरुष अब अपनी मेल डोमिनेंस को एंजॉय कर रहे हैं। उन्हें पता है कि जब हम इसे छोड़ देंगे या फिर इसका विरोध करेंगे तो हमें ही इसका नुकसान होगा क्योंकि फिर हम महिलाओं के ऊपर अपनी पावर नहीं जमा पाएंगे। यह बहुत ही पेचीदा विषय है लेकिन इसके ऊपर बात करने की जरूरत है और इसका सही हल निकालना बहुत जरूरी है। महिलाओं को चाहिए कि वह अब अपने आप को वैसे ही स्वीकार करें जैसे उन्हें खुद में बदलाव करने की कोई जरूरत नहीं है बल्कि पुरुषों को अपनी बुरी आदतों को छोड़ना चाहिए और इसके लिए उन्हें शर्मिंदा होने की जरूरत है। अगर महिला के साथ कुछ गलत होता है तो इसमें उसकी जिम्मेदारी या उसका कोई दोष नहीं है। इसके लिए उसे खुद को गिल्ट में नहीं लेकर जाना चाहिए।