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How Indian Women Are Owning the Dating Game? आज की लड़कियाँ जानती हैं कि वो क्या चाहती हैं और क्या डिजर्व करती हैं। अब वो सिर्फ किसी भी इंसान से इंप्रेस नहीं होती जो थोड़ा बहुत एफर्ट दिखा दे। इंडिया के एक डेटिंग ऐप QuackQuack के एक सर्वे के मुताबिक, हर पाँच में से तीन लड़कियाँ अब बहुत सोच-समझकर रिश्ते के लिए किसी को चुनती हैं। अब उम्मीदें तय हैं, और इरादे भी साफ हैं कोई समझदारी से बात करने वाला साथी चाहिए, सिर्फ दिखावे से काम नहीं चलेगा।
Women Who Choose: अब लड़कियाँ खुद अपने रिश्ते की शर्तें तय करती हैं
अब ‘थोड़ा बहुत’ काफी नहीं
रात को "जाग रही हो?" जैसे संदेश अब पुरानी बात हो गई। अब लड़कियाँ भावनात्मक समझ और जुड़ाव पर ध्यान देती हैं। सर्वे में 38% महिलाओं ने बताया कि अब लंबाई या सिक्स पैक जैसी चीज़ें उतनी मायने नहीं रखतीं। हाँ, अच्छा दिखना एक प्लस प्वाइंट हो सकता है, लेकिन असल बात ये है कि कोई कितना मैच्योर है और दूसरों को कैसे ट्रीट करता है।
दिल्ली की ईशिका (28) ने कहा, “रिश्ता तभी टिकता है जब सामने वाला सिर्फ शुरुआत में नहीं, हर दिन आपका ख्याल रखे। थोड़े कॉम्प्लीमेंट्स या टाइम-टाइम पर बातें करने से कुछ नहीं होता।”
अब कमियाँ नहीं, अच्छाइयाँ मायने रखती हैं
कुछ समय पहले तक लड़कियाँ उस इंसान की कमियाँ ढूंढने में लगी रहती थीं लेकिन अब सोच बदल रही है। अब ज़्यादा ध्यान इस पर है कि सामने वाले में क्या-क्या अच्छी बातें हैं। सर्वे बताता है कि 31% लड़कियाँ अब बहुत गौर से देखती हैं कि किसी का स्वभाव कैसा है, उसका नजरिया कैसा है और क्या उसके जीवन के मूल्य उनसे मेल खाते हैं।
डॉक्टर निमिषा (33) ने कहा, “पहले जब किसी की जानकारी में लिखा होता था कि उसे ट्रैवल पसंद है या मूवी देखना पसंद है, तो मैं आगे नहीं बढ़ती थी। लेकिन अब समझ आया है कि असली चीज़ है उसका बर्ताव, सोच और इंसानियत।”
अब साफ-साफ बोलना कमजोरी नहीं, ताकत है
एक बड़ा बदलाव ये है कि अब महिलाएँ बिना हिचक ये कह रही हैं कि उन्हें एक गंभीर रिश्ता चाहिए बस मज़े के लिए नहीं। 42% लड़कियाँ अब अपने बारे में खुले तौर पर यह बात बताती हैं, ताकि समय और भावनाएँ दोनों बचें।
मुंबई की दिया (27) ने कहा, “अगर मेरा ईमानदार होना किसी को ज़्यादा लग रहा है, तो अच्छा है कि वो मुझसे दूर रहे। मैं शुरू से अपनी शर्तें साफ रखती हूँ और सामने वाला तभी आगे बढ़े जब वो उसी सोच का हो।”
अब जल्दी में नहीं, सोच-समझकर रिश्ता जोड़ती हैं
QuackQuack के डेटा के मुताबिक, लड़कियाँ किसी व्यक्ति को पसंद करने से पहले दोगुना समय लेती हैं। 25 से कम उम्र की 40% महिलाओं का मानना है कि वो कम लेकिन सही लोगों से जुड़ना चाहती हैं।
हैदराबाद की संभावना (21) का कहना है, “मुझे ऐसा इंसान चाहिए जो सच में जुड़े, चाहे मुझे साल में एक बार कोई सही इंसान मिले। तादाद नहीं, तालमेल ज़रूरी है।”
अब की लड़की क्लियर है उसे सिर्फ रिश्ता नहीं, सच्चा साथ चाहिए।वो जानती है कि उसका समय, उसकी शांति और उसकी पसंद कितनी अहम है। और जो लोग इससे मेल नहीं खाते उनके लिए अब कोई जगह नहीं।