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Relationship: अगर रिश्ते में झगड़े नहीं सुलझाते हैं तो क्या हो सकता है

रिलेशनशिप/ब्लॉग: किसी रिश्ते में झगड़ों को न सुलझाएं तो समय के साथ रिश्ते खराब होते चले जाते हैं। संघर्ष किसी भी रिश्ते का एक स्वाभाविक हिस्सा है और इसे टालना या अनदेखा करना पार्टनर्स के बीच अनसुलझे मुद्दों, नाराजगी और भावनात्मक रूप से दूर कर सकता है।

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Priti
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What If We Just Do Not Solve Fights In A Relationship (image credit: india.com)

Fights In A Relationship: किसी रिश्ते में झगड़ों को न सुलझाएं तो समय के साथ रिश्ते बहुत खराब होते चले जाते हैं। संघर्ष किसी भी रिश्ते का एक स्वाभाविक हिस्सा है और इसे टालना या अनदेखा करना पार्टनर्स के बीच अनसुलझे मुद्दों, नाराजगी और भावनात्मक दूरी पैदा कर सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि झगड़ों को सुलझाने का मतलब उन्हें पूरी तरह खत्म करना या हमेशा एक सही समाधान ढूंढना नहीं है। इसके बजाय, इसमें खुला और सम्मानजनक बातें एक्टिव सुनना, सहानुभूति, समझौता और झगड़े के माध्यम से मिलकर कुछ सॉल्यूशन निकालना होता है। असहमतियों को दूर करने और सुलझाने से स्वस्थ तरीकों से रिश्ते के विकास और लोंग टर्म में पार्टनर्स को साथ रहने में मदद करता है। आइये जानते हैं हम किसी रिश्ते में झगड़े नहीं सुलझाते तो क्या होगा।

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यदि हम किसी रिश्ते में झगड़े नहीं सुलझाते तो क्या होगा?

1. इमोशनल दूरी(Emotional distance)

अनसुलझे जगड़े दोनो पार्टनर्स के बीच इमोशनल दूरी पैदा कर सकते हैं। जब झगड़े हल नहीं होते हैं, तो इमोशनल दूरी बनना शुरु हो जाती है, जिससे पार्टनर्स के बीच दूरी पैदा हो जाती है। यह इमोशनल दूरी प्यार, स्नेह और नजदीकियों जैसी भावनाओं को कम कर सकती है।

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2. दोहराव वाले पैटर्न(Repetitive patterns)

झगड़ों को नजरअंदाज करने से रिश्ते में नेगेटिव पैटर्न हो सकते हैं। यदि मुद्दों का समाधान नहीं किया गया, तो उनके बार-बार उभरने की अशंका जताई जा रही है, जिससे अनसुलझे झगड़ों का एक चक्र शुरू हो जाएगा। यह चक्र निराशा की भावना हो सकता है, जिससे रिश्ता खराब हो सकता है।

3. बातचीत टूटना(Communication breakdown)

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पार्टनर्स और झगड़े दोनो अपनी भावनाओं, जरूरतों और चिंताओं को व्यक्त करते हैं। इसकी वजह से आप अपने पार्टनर्स के साथ खुलकर और ईमानदारी से बातचीत नही करते उसे इग्नोर कर देते हैं, जिसकी वजह से रिश्ते खराब हो जाते हैं और मौका चूक जाते हैं। समय के साथ बातचीत की यह कमी रिश्ते में विश्वास और अंतरंगता को कम कर सकती है, जिससे एक-दूसरे को समझना और सपोर्ट करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

4. अनसुलझे मुद्दों (Accumulation of unresolved issues)

झगड़े और डिसाग्रीमेंट अक्सर विचारों, जरूरतों या अपेक्षाओं में अंतर के कारण उत्पन्न होती हैं। जब इन झगड़ों को हल नहीं किया जाता है, तो वे समय के साथ जमा होते जाते हैं। यह एक टॉक्सिक वातावरण बना सकता है, जहां नाराजगी और निराशा पैदा होती है, जिससे दोनों पार्टनर्स के लिए ढंग से बातचीत करना और गहरे स्तर पर जुड़ना मुश्किल हो जाता है।

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5. नाराजगी और कड़वाहट(Resentment and bitterness)

जब झगड़े अनसुलझे रह जाते हैं, तो समय के साथ नाराजगी और कड़वाहट की भावनाएं पैदा हो सकती हैं। अनसुलझे झगड़े अन्याय की भावना पैदा करते हैं और पार्टनर्स के बीच इमोशनल दूरी बढ़ सकती है। इससे रिश्ते में तनाव आ सकता है और पार्टनर्स के बीच का बंधन ख़त्म हो सकता है।

6. मुद्दों का बढ़ना(Escalation of issues)

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झगड़ों को नज़रअंदाज़ करने से समस्याएँ ख़त्म नहीं हो जातीं बल्कि वे अक्सर आगे बढ़ती जाती हैं। अनसुलझे झगड़े बढ़ सकते हैं, जिससे अधिक महत्वपूर्ण मुद्दे इग्नोर किए जाते हैं और गहरे इमोशनल घाव हो सकते हैं। समाधान से बचकर आप छोटी-छोटी डिसएग्रीमेंट्स को बड़ी और अधिक चुनौतीपूर्ण समस्याओं में बदलने का जोखिम उठाते हैं।

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