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चीटिंग या धोखा एक नकारात्मक शब्द है। आज के समय में रिश्तों में धोखा देना बहुत आम होता जा रहा है, लेकिन इसके बारे में गंभीर बातचीत बहुत कम होती है। जब कोई धोखा देता है तो हम बस यही बात करते हैं कि "बहुत बुरा हुआ" या"आपके साथ गलत हुआ" लेकिन शायद ही कोई यह समझने की कोशिश करता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि रिश्ता उस मुकाम तक पहुंच गया।
आखिर क्यों रिश्तों में Cheating बढ़ती जा रही है?
रिश्तों की नाजुकता
रिश्ते बहुत नाजुक होते हैं। कोई भी रिश्ता तभी लंबा चल सकता है जब उसमें विश्वास, पारदर्शिता और भावनात्मक ईमानदारी हो। अगर इनमें से एक भी चीज़ टूट जाती है, तो रिश्ता अंदर से खोखला हो जाता है।
टेक्नोलॉजी ने किया काम आसान
टेक्नोलॉजी ने भावनात्मक दूरी को और बढ़ा दिया है। आप अपने पार्टनर के साथ एक ही कमरे में हो सकते हैं, लेकिन आपके मन और मोबाइल की स्क्रीन किसी और के साथ हो सकती है। ऐसे में धोखे को पहचान पाना भी मुश्किल हो जाता है।
बहाने और जिम्मेदारी से बचना
जब कोई व्यक्ति धोखा देते हुए पकड़ा जाता है, तो वह बहाने बनाने लगता है जैसे "मैं स्ट्रेस में था", "मेरा ध्यान भटक गया था" या "मैं प्यार तो तुमसे ही करता हूं"। कभी-कभी पार्टनर यह मानने को भी तैयार नहीं होता कि उसने कुछ गलत किया है। वह जस्टिफाई करता है, लेकिन ईमानदारी से बात नहीं करता।
धोखा सोच समझकर लिया गया फैसला है
अगर आपका रिश्ता किसी मुश्किल मोड़ पर है, तो बात की जा सकती है। रिश्ते को बचाने के लिए ईमानदारी को चुना जा सकता है। कोई भी हालात ऐसे नहीं हो सकते कि आपको धोखा देने का विकल्प चुनना पड़े। यह एक Choice होती है। आप खुद तय करते हैं कि आप किस दिशा में जाना चाहते हैं।
खुली और ईमानदारी से बातचीत
अगर आपको लगता है कि आप अब अपने पार्टनर के साथ नहीं रहना चाहते या यह रिश्ता अब आपको खुशी नहीं देता तो आप खुलकर बात कर सकते हैं और जरूरत पड़े तो अलग भी हो सकते हैं। लेकिन किसी का भरोसा तोड़ना, भावनाओं के साथ खेलना और बाउंड्रीज़ को पार करना किसी भी सूरत में सही नहीं है।
धोखा एक दिन में नहीं होता। यह धीरे-धीरे शुरू होता है। जब आप अपने दिल की बातें, अपनी भावनाएं, और अपनी सच्चाइयां किसी और के साथ बांटना शुरू कर देते हैं, तो यह उस रिश्ते से दूरी की शुरुआत होती है। अगर दो लोगों के बीच सच्चा रिश्ता है, तो दोनों को मिलकर उसे सहेजना होता है। भरोसे को बनाए रखना, भावनाओं की कद्र करना और एक-दूसरे के प्रति ईमानदार रहना ही एक मजबूत रिश्ते की नींव होती है।