Why Do Growing Children Ignore Their Parents: अक्सर हम देखते है की जब बच्चा छोटा होता है तो वह अपने माता-पिता से बहुत जुड़ा होता है ,उनसे साड़ी बातें बांटता है, उन्हें अपना दोस्त मानता है लेकिन जैसे जैसे वही बच्चा बड़ा होने लगताहै तो उसकी अपने माता-पिता से बनना बंद हो जाती है।
बढ़ते बच्चे अपने माता-पिता की उपेक्षा क्यों करते हैं?
वह अपने परिवार से दूर होने लगता है और उनसे झगडे करने लगता है। ऐसा करते करते वह अपने माता पिता और परिवार से भी दूर हो जाता है। इसके पीछे भी कारण है सिवाए इसके की आपका बच्चा केवल बद्तमीज़ होते जा रहा है। बच्चे का ऐसे महसूस और व्यहवार करने के कई कारण हो सकते है |आइये इस ब्लॉग में पढ़े क्यों बढ़ते बच्चे अक्सर अपने माँ बाप से दूर और उन्हें इग्नोर करते हैं।
1. बच्चे की ज़िन्दगी बहुत ज़्यादा कण्ट्रोल करने की कोशिश
यदि कोई माँ बाप अपने बच्चे की ज़िन्दगी पे बहुत ज़्यादा नियंत्रण पाने की कोशिश करते रहते है, उसपे शक्क करते रहते है, उसपे भरोसा नहीं करते, उसे अपने हिसाब से रखना चाहते रहते हैं और उससे अपनी साड़ी बात मनवाने को धमकी देके उन्हें डरना। इनसब चीज़ों से बच्चे पर बुरा असर पड़ता है, वो आहत होता है और उसे लगने लगता है कि उसपे कोई भरोसा नहीं करता, उसके अपने माता पिता नहीं, तो वो उनसे मानसिक और शारीरिक रूप दोनों से दूर हो जाता है।
2. सपोर्ट ना मिलना
जिन बच्चो को अपने पेरेंट्स से सपोर्ट नहीं मिलता, ऐसे बच्चो का मनोबल कमज़ोर होजाता है। वह उन्हें दोषी भी मान लगते है और उनसे दूरी बना लेते है। माँ बाप को अपने बच्चे को सपोर्ट करना नहीं चाहिए। अगर गलत काम में सपोर्ट नहीं करते तोह ठीक लेकिन कोशिश ज़रूर करनी चाहिए कि अपने बच्चे की सफलता से प्राउड हो जाये।
3. मन की बातें न बाटने से
बच्चो के मन में हमेशा कई सारी बातें होती है जो वह किसी से कहना तो चाहते है पर कह नहीं पाते डर से। वह डर से अपनी बात अपने माँ बाप से भी नहीं कर पाते। मन में कई सारी बात रखने से बच्चे अक्सर अपने परिवार से दूर होने लगते है।
4. सिर्फ डांट और गुस्से का प्रयोग
हम देखते है की कुछ माता पिता अपने बच्चे से बेहद गुस्से और बल का प्रयोग करते है। सिर्फ यही सब करने से धीरे धीरे बच्चे अपने माता पिता से सुर होने लगते है। बड़े बच्चे इसलिए भी अपने पिताओं से दूर हो जाता है क्यूंकि उन्हें ठीक से प्यार नहीं जताया गया होता है।
5. बहुत ज़्यादा उम्मीदें के तले दब जाते है
माँ बाप का अपने बच्चों से उम्मीद लगाना बहुत ही लाज़मी होता है लेकिन वही अर्मान और उम्मीदें जब बहुत ज़्यादा ऊचे हो जाते हैं तो बच्चे उन के तले दबा हुआ महसूस करने लगते है। वह अपनी समस्या और स्तिथि किसी से बाँट भी नहीं पाते और इसी से वह अपने माता पिता को भी इग्नोर करने लगते है और उनसे दूर हो जाते है।