Why Dominance Should Not Be Part Of Relationships: डोमिनेंस एक ऐसी चीज है जिसमें एक व्यक्ति को सुपीरियर माना जाता है और दूसरे को अपने से कम माना जाता है। यह किसी भी पहलू से सही नहीं है। आप समाज में भी देख लीजिए अभी भी पुरुषों की डोमिनेंस है। इसके कारण महिलाओं की प्रताड़ना कितनी होती है और उन्हें हर स्तर पर पुरुषों से नीचे ही देखा जाता है। अब आप इस बात को सोचिए कि जब यह किसी रिश्ते में आ जाए तो यह कितनी खतरनाक हो सकती है। इससे दूसरे व्यक्ति की रिस्पेक्ट नहीं होगी, उसके ओपिनियन की वैल्यू नहीं की जाएगी और उसकी चॉइस को हमेशा ही नजर अंदाज किया जाएगा।।आज हम जानेंगे कि रिलेशनशिप में किसी की भी डोमिनेंस क्यों नहीं होनी चाहिए-
Relationship में किसी एक की भी Dominance क्यों नहीं होनी चाहिए?
इससे रिश्ते में कंट्रोल आता है
कंट्रोल वहां पर आता है जब एक व्यक्ति आपसे ऊपर की पोजीशन पर हो लेकिन रिलेशनशिप दो लोगों की एक जर्नी है जिसमें कोई भी बड़ा छोटा नहीं है। जब आपके रिश्ते में डोमिनेंस आ जाती हैं तब एक पार्टनर दूसरे पार्टनर को कंट्रोल करने लग जाता है जैसे क्या पहनना चाहिए, क्या खाना चाहिए, किससे मिलना चाहिए और कब बाहर जाना चाहिए। इससे पार्टनर को अच्छा महसूस नहीं होता और वह खुद को एक्सप्रेस ही नहीं करना कर पाता जिसके कारण उसका रिश्ते में इंटरेस्ट कम होने लग जाता है। इसलिए वह अपने पार्टनर से दूर होने लग जाता है।
इमोशनल ओर फिजिकल एब्यूज हो सकता है
डोमिनेंस के साथ फिजिकल और इमोशनल एब्यूज भी आता है क्योंकि अब वह अपने पार्टनर को कंट्रोल करने लग गया है। इसके कारण वह इमोशनल और फिजिकल तरीके से भी कंट्रोल करना चाहेगा। अगर पार्टनर अपने ओपिनियन को एक्सप्रेस कर रहा है तो वह कहेगा कि तुम्हें ज्यादा पता है या तुम्हें यहां पर चुप रहना चाहिए।ऐसी बातों से वह पार्टनर को इमोशनली एब्यूज करेगा। इसके साथ-साथ हो सकता है कि वह पार्टनर को मारना पीटना भी नॉर्मल हो क्योंकि उसे लगता है कि मैं इसके साथ जो मर्जी कर सकता हूं।
पार्टनर को छोटा महसूस करवाया जाएगा
जब पार्टनर को वैल्यू ही नहीं मिलती है ना ही उसे रिस्पेक्ट किया जाता है और चार लोगों के सामने उसे जो मर्जी कह दिया जाता है तब पार्टनर खुद को छोटा महसूस करने लग जाता है। उसका कॉन्फिडेंस बिल्कुल खत्म हो जाता है। उसके अंदर गिल्ट और शर्मिंदगी आ जाती है कि शायद मैं ही गलत हूं और मुझसे ही सब कुछ सही नहीं होता है। पार्टनर के ऐसे बिहेवियर का कारण डिप्रेशन में हो सकता है और खुद के लिए एक बुरी इमेज भी क्रिएट हो सकती है।
खुलकर बातचीत नहीं होगी
किसी भी रिश्ते में अगर ग्रोथ और डेवलपमेंट चाहिए तो खुलकर बातचीत करनी होगी। इससे आपके इमोशनल शारीरिक और मानसिक रिश्तों में सुधार आएगा क्योंकि आप खुद व्यक्त कर पा रहे हैं। इसके साथ ही खुद की व्यक्त रहे हैं कि मुझे रिलेशनशिप में क्या अपेक्षाएं हैं और मुझे क्या अच्छा लगता है l,. इसके साथ ही आप उन चीजों को भी हाईलाइट करते हैं जो आप नहीं चाहते हैं। आप आपका पार्टनर दोनों एक-दूसरे के लिए कंप्रोमाइज करते हैं क्योंकि इससे रिश्ते में एक बैलेंस बना रहता है लेकिन जब खुलकर बात की ही नहीं होगी तब ऐसा कुछ भी नहीं होगा। एक पार्टनर का कंट्रोल ज्यादा होगा और दूसरा सिर्फ उसकी कहीं बातों को ही फॉलो करेगा। उसका अपना रिश्ते में कुछ भी अस्तित्व नहीं होता।
रिश्ते में सुरक्षित महसूस नहीं होगा
आपने एक बात जरूर नोटिस की होगी कि आप तब ज्यादा कंफर्टेबल महसूस करते हैं जब रिश्ते में आप सुरक्षित महसूस करते हैं। आपको उस व्यक्ति के साथ ही ज्यादा मजा आता है जिसके साथ आपको किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं महसूस होता लेकिन जब रिश्ते में डोमिनेंस आ जाती है तब आप आप डरे रहते हैं,. आप खुद को सुरक्षित नहीं महसूस करते हैं। आपके मन में एक डर रहता है कि अगर मैं यह बात बोल दूंगा तो पता नहीं मेरा पार्टनर इस पर क्या रिएक्ट करेगा शायद वो मुझे इसके लिए पीट भी दे या फिर मुझे किसी बात के लिए टॉर्चर करें।