हमारे समाज में सेक्स एजुकेशन तो दी जाती है लेकिन वह सेक्स एजुकेशन भी बहुत किताबी होती है। सेक्स एजुकेशन देने से पहले हमें अपने बच्चों को कंसेंट का मतलब और उसकी जरूरत समझानी चाहिए। आइए जानते हैं कि आपको अपने बच्चों को कंसेंट की इंपॉर्टेंस क्यों समझानी चाहिए और इससे जुड़ी कुछ अन्य जरूरी बातों के बारे में।
1. सिखाए पर्सनल स्पेस का महत्व
इंसान एक सोशल एनिमल जरूर है लेकिन सभी पहले एक इंडिविजुअल है। हर किसी का खुद का एक पर्सनल स्पेस है और उनके पर्सनल स्पेस में जाने से पहले हमें हर बार दूसरे की परमिशन अवश्य लेनी चाहिए। भले ही दूसरा इंसान हमारा कितना ही क्लोज क्यों ना हो, उनके पर्सनल स्पेस में जाने से पहले हर बार उनकी परमिशन लेना जरूरी है।
2. कंसेंट सिर्फ सेक्स से संबंधित नहीं है
अक्सर हम कंसेंट को सिर्फ सेक्स से जोड़कर ही देखते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। कंसेंट को सिर्फ सेक्स के तौर पर ही नहीं देखना चाहिए। रोजाना के सामान्य हुमन इंटरेक्शन के तौर पर भी कंसेंट की जरूरत होती है। यहां तक कि अगर आप अपने दोस्तों से बात करते हैं या मिलते हैं तो भी आपको कंसेंट लेना चाहिए।
3. दूसरे के डिसीजन की रिस्पेक्ट करें
अगर आप किसी से उनकी कंसेंट या डिसीजन के बारे में पूछते हैं और सामने से जवाब नकारात्मक आता है तो आपको उसका सम्मान करना चाहिए ना कि उसे अपनी ईगो पर लेना चाहिए। अगर कोई आपके आसपास कंफर्टेबल महसूस नहीं करता है तो आपको तुरंत अपने व्यवहार को बंद कर देना चाहिए।
4. कंसेंट को कभी भी अजूम ना करें
कभी भी कंसेंट को आपको सिर्फ अपने मन से नहीं मान लेना चाहिए। किसी भी व्यक्ति के किसी प्रकार के साइन या उनके कपड़े देखकर यह ना माने की उन्होंने आपके किसी भी व्यवहार को अपनी मंजूरी दे दी है। जब तक आपको सामने वाले इंसान से एक क्लियर 'हां' नहीं मिल जाती है तब तक आप कंसेंट को अजूम ना करें।
5. पार्टनर्स में भी होनी चाहिए कंसेंट
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि अगर आप एक कपल है तो आप कभी भी अपने पार्टनर के साथ सेक्सुअल रिलेशन बना सकते हैं चाहे उस समय उनकी मर्जी हो या नहीं। शादी कर लेना या किसी रिलेशन में आना सेक्स के लिए लाइसेंस नहीं बन जाता है। आपको हमेशा शारीरिक संबंध बनाने से पहले अपने पार्टनर से कंसल्ट लेना जरूरी है क्योंकि किसी को प्रेशरराइज करना या उनकी मर्जी के खिलाफ उनके साथ संबंध बनाना यौन हिंसा है।