Pregnancy Myths: प्रेगनेंसी के साथ-साथ कई सरे मिथ सालों से सामने आ रहे हैं। साथ में कई बार महिलाएं इन मिथ के कारण प्रेगनेंसी को मुश्किल मान लेती हैं। ऐसे में इन मिथ से जुड़ी करेक्ट नॉलेज होना बहुत जरूरी है, कई बार मिथ प्रेगनेंसी में औरतों के लिए समस्या का कारण बन जाते हैं। इन मिथ के वजह से महिलाएं बहुत सी ऐसी चीजों से खुद को दूर कर लेती हैं। आइए आज के ब्लॉग में हम कुछ ऐसी अफवाहों के बारे में बात करते हैं जो प्रेगनेंसी से जुड़ी हुई हैं और जिनका खत्म होना बहुत जरूरी है।
5 Common Myths About Pregnancy
1. हर समय आराम
प्रेग्नेंट औरत का हर समय आराम करना भी एक मिथक है। एक गर्भवती महिला को नार्मल डे लाइफ अपनानी चाहिए। डॉक्टर की सलाह के अकॉर्डिंग एक्टिव रहना चाहिए। यह बेबी बर्थ को इजी बनाता है और महिलाओं में वेट को ज्यादा बढ़ने से भी रोकता है।
2. आयरन टेबलेट् से बच्चा साँवला होगा
यह मिथ गांवों में अधिक प्रचलित होते हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि प्रेग्नेंट महिला में अगर ब्लड की कमी होगी तो इससे माँ और बेबी दोनों को खतरा है। आयरन (iron) की टेबलेट का बच्चे के कलर से कोई लेना-देना नहीं है।
3. अल्ट्रासाउंड- बच्चे के लिए ठीक नहीं
अल्ट्रासाउंड (ultrasound) बेबी को हार्म करता है यह एक बहुत बड़ा मिथ है। क्यूंकि गर्भ में पल रहे बच्चे में किसी तरह की प्रॉब्लम, ग्रोथ या प्रेग्नेंसी में किसी तरह की कॉम्प्लिकेशन के बारे में अल्ट्रासाउंड के द्वारा ही पता चलता है, जिसके चलते समय रहते क्योर किया जा सकता है।
4. दो लोगों के हिसाब से डाइट
बैलेंस और प्रोटीन युक्त आहार बेहद जरूरी है मगर दो लोगों के हिसाब से खाना मतलब ज्यादा कैलोरी (calories) लेना। यह महिला के वेट को तेजी से बढ़ाएगा, जो माँ-बच्चे दोनों के लिए ही खतरनाक साबित हो सकता है।
5. ज्यादा बाहर न जाएं
प्रेग्नेंट औरत बाहर भी नहीं जा सकती यह भी एक बड़ा मिथक है। जब तक डॉक्टर ने रिकॉम्ड न किया हो, आप नॉर्मल तरिके से अपनी जिंदगी जिए। क्यूंकि आप जितना एक्टिव रहेंगी उतना अच्छा होगा। यदि आप भी इन मिथकों के ऊपर भरोसा कर रही थी या आपके आसपास के लोग ऐसे मिथ के ऊपर भरोसा कर रहे हैं तो उन्हें यह चीज बताएं कि यह महज सिर्फ एक अफवाह है और कुछ नहीं।