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Breastfeeding : जानें ब्रेस्टाफीडिंग करने के 5 सही तरीके

ब्लॉग | पेरेंटिंग : बच्चे के पैदा होते ही सबसे पहले पीले रंग का दूध जो मां की छाती से निकलता है वो उसके शिशु को पिलाया जाता है, इससे कई जानलेवा बीमारियों से लड़ने के लिए बच्चे को शक्ति मिलती है।

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Ayushi
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5 Tips For Breastfeeding (Image Credit: BabyCenter India)

5 Tips For Breastfeeding : मां के दूध में पोषक तत्‍व मौजूद होते हैं, जो बच्‍चे के संपूर्ण विकास में मदद करता हैं। जन्‍म के छ माह तक बच्‍चा पूरी तरह से मां के दूध पर निर्भर रहता है। इसलिए मां का दूध उसके लिए बहुत जरूरी होता है, ऐसे में ब्रेस्टाफीडिंग कराने वाली मां को भी अपने डाईट का और खानपान का बहुत ध्‍यान रखना चाहिए। जब मां ब्रेस्टाफीडिंग करती‌ उस‌ दौरान उनको पौष्टिक डाईट और सही खानपान में सावधानियां बरतना चाइए क्‍योंकि ब्रेस्टाफीडिंग के दौरान महिलाओं के खानपान का असर उनके दूध पर पड़ता है। अगर आपका खानपान सही होगा, तो दूध की मात्रा और गुणवत्‍ता में असर पड़ेगा और यदि आपका खानपान गलत होता है तो इसका असर बच्‍चे की स्‍वास्‍थ्‍य पर भी पड़ेगा। आइए जानते हैं ब्रेस्ट फीड करवाते समय महिलाओं को किन खास बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। 

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ब्रेस्टाफीडिंग करने का सही तरीका क्या होता है 

1. ब्रेस्ट को साफ रखें 

बच्चे को दूध पिलाने के बाद ब्रेस्ट को बेबी वाइप से पोछना चाहिए इसके अलावा ब्रेस्ट पर नारियल तेल या फिर बेबी लोशन से मसाज करना चाइए ऐसा करने से ब्रेस्ट ढीले नहीं पड़ते और दूसरे तरीके ये भी है की अपने ब्रेस्ट पर लगा हुआ बच्चे का थूक या फिर दूध भी फायदेमंद हो सकता होता है। इससे भी आप अपने ब्रेस्ट की मालिश कर सकती हैं, यह जर्म फ्री और नेचरल प्रोसेस होता है।

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2. डाइट का रखे ख्याल

ब्रेस्टाफीडिंग वाली महिलाओं को अपने डाइट में मांस, अंडा व मछली को शामिल करना चाहिए। मछली में आवश्‍यक अमीनो एसिड पाया जाता है जिस के कारण बॉडी के साथ दूध प्रोटीन मिलता है। ब्रेस्टाफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए डीएचए बहुत जरुरी होता है। ऐसे में अगर महिलाए कोई हेल्‍थ ड्रिंक या टॉनिक लेती हैं, तो सुनिश्चित कर लें की उसमें डीएचए हो। डॉक्टर के अनुसार ज्‍यादातर महिलाओं के दूध में डीएच क्यू  ए लेवल बहुत कम होता है। 

3. ब्रेस्ट में चोट 

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ब्रेस्ट में अगर चोट लग जाए तो उसकी वजह से जलन या खुजली होती है तो ऐसे मे निप्पल पर घी लगाने से ठीक होता है। इसके अलावा यह फटे हुए निप्पल को भी ठीक करने मे मदद करता है। इसके अलावा महिलाएं हमेशा इस बात का ध्यान रखें की प्रेग्नेंसी के बाद कभी भी बहुत टाइट ब्रा नहीं पहना चाहिए ऐसा करने से बच्चे को दूध पिलाने में परेशानी होती है और ब्रेस्ट पर पसीने की वजह से रैश और खुजली होने लगेगी इसलिए हमेशा आरामदेह ब्रा पहननी चाहिए।

4. ब्रेस्ट के बालों को हटाए

आप अपने ब्रेस्ट के बालों को हेयर रिमूविंग क्रीम से खुद साफ कर सकते हैं। ऐसा इसलिए भी करना जरूरी होता है क्योंकि कभी कभी बच्चे दूध पीते वक्त वहां के बाल निगल भी सकते हैं।

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5. ब्रेस्टाफीडिंग 6 महीने के बाद भी जारी रहता है 

6 महीने बाद भी बच्चे दूध पीते है और उस समय बच्चों के दांत भी निकलने लगते हैं। ऐसे में ब्रेस्ट में शहद लगा देने से ब्रेस्टाफीडिंग के वक्त बच्चे अपना मुंह कहीं और ना ले जाए और ना काटे।

सूचना : इस आलेख को केवल संपादित किया गया है। मौलिक लेखन प्रीती विश्वकर्मा का है।

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