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Career Guidance: बच्चों के करियर में माँ-बाप की क्या भूमिका है?

आज के समय पेरेंटिंग काफ़ी मॉडर्न हो गई है। माँ-बाप बिल्कुल नहीं चाहते कि उन्हें करियर को लेकर जो भी फेस करना पड़ा उन्हें ऐसा फेस ना करना पड़े इसलिए वे  बच्चे की करियर जर्नी में गाइड और मेंटोर बनना चाहते हैं।

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Rajveer Kaur
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(Image Credit: Getty Images)

How Parents can Guide Children for their Career: लाइफ़ में सही करियर गाइडेंस बहुत ज़रूरी है लेकिन कुछ भारतीय घरों में गाइडेंस कम, हुक्म ज़्यादा सुनाया जाता है। जब से बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है तभी माँ बाप यह तय कर लेते हैं  माँ-बाप यह सोच लेते हैं कि उसे जीवन में आगे जाकर किस फ़ील्ड या प्रोफ़ेशन में जाना है पर बच्चे का इंट्रेस्ट, राय, passion कोई नहीं पूछता। जिसके कारण बच्चे लाइफ़ में सफल नहीं हो पाते या तनाव का शिकार हो जाते हैं क्योंकि जो थोपा हुआ काम वे कर रहे होते हैं उसमें उनका इंट्रेस्ट ना मात्र होता है। 

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आज के समय पेरेंटिंग काफ़ी मॉडर्न हो गई है। माँ-बाप बिल्कुल नहीं चाहते कि उन्होंने अपने करियर को लेकर जो भी फेस किया उनके बच्चे वैसा ही फेस करें इसलिए वे बच्चे की करियर जर्नी में गाइड और मेंटोर बनना चाहते हैं।

बच्चों के करियर में माँ-बाप की क्या भूमिका है?

1. बच्चों के मेंटोर बनें 

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लाइफ में माँ-बाप से अच्छा कोई मेंटोर नहीं हो सकता लेकिन बॉउंड्रीज़ का होना बहुत जरुरी है। अगर आप बच्चे की ज़िन्दगी के लीडर खुद बन जाएंगे और उसके जीवन पर सिर्फ अपना अधिकार समझेंगे तो बच्चे की ग्रोथ नहीं हो पाएगी और न ही यह  मेंटोरशिप है। इसके उलट जब आप उसके मेंटोर बनेंगे तब फैसले तो आपके  बच्चे के होंगे, उसे रास्ता आप दिखाएंगे। 

2. उन्हें डिक्टेट नहीं, गाइड करे

जब हम किसी को  डिक्टेट करते हैं तब सामने वाले के ओपिनियन, सोच और वांट्स को नजरअंदाज कर उन्हें वही करने के लिए कहते हैं जो हमें सही लगता है। बच्चों के साथ ऐसा करने की बजाय उनके ओपिनियन की वैल्यू कर उन्हें गाइड करें। 

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3. उनका इंटरेस्ट पहचानें

बचपन से ही बच्चे का इंटरेस्ट पहचानने में उसकी मदद करें। स्कूल में उसे हर एक्टिविटी में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहन दें। इससे आसानी से जान पाएंगे कि बच्चे का इंटरेस्ट किस तरफ है। 

4. फेल होने पर नाराज़ ना हों 

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सफलता और असफलता जिंदगी के दो पहलु हैं। आज बच्चा असफल हुआ है कल सफल भी होगा उस पर चिलाकर उसे यह महसूस न करवाएं कि वह एक फेलियर है  बल्कि उसे प्रॉपर गाइड करें इससे वह अपनी गलतियों से सीखेगा और आगे बढ़ेगा । 

6. रखें ओपन कम्युनिकेशन 

माँ-बाप और बच्चों के एक खुली बातचीत रखना बहुत जरुरी है तभी आप एक दूसरे को समझ पाएंगे। अगर ओपन कम्युनिकेशन नहीं होगी तो गलतफहमियां बढ़ सकती हैं। उनकी परेशानियों के बारे में बात करें ताकि आप उन्हें प्रॉपर गाइड कर सकें। 

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करियर की जर्नी काफी उतार-चढ़ाव से भरी होती है। इसमें ऐसा समय भी आता है जब बच्चा काफी अकेलापन महसूस करता है और कभी कभी उसे लगता है कि वो सारी दुनिया एक बार में ही जीत लेगा। आपको दोनों समय में उसका साथ बनाएं रखना है जिससे बच्चा इन दोनों स्थितियों को हैंडल कर पाएगा। 

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