Healthy Parenting: आज कल की बिजी लाइफ में लोग अपने परिवार और अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं जबकि किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे जरूरी पार्ट होते हैं उसके बच्चे। ऐसे में धीरे-धीरे पेरेंट्स का रिश्ता बच्चों के साथ कमजोर होने लगता है। बच्चों का ध्यान देना, उनकी आवश्यकताओं को पूरा करना और मार्गदर्शन देना एक सीमित कार्य हो सकता है लेकिन उनसे कनेक्सन बनाकर रखना, उनकी हर एक बात का ध्यान रखना, उन्हें प्यार देना सबसे ज्यादा जरूरी पार्ट होता है। जो आज कल के समय में पेरेंट्स नहीं कर पाते हैं, ऐसे में बच्चों के साथ उनकी बॉन्डिंग कमजोर हो जाती है और बच्चे उनसे दूर होने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को जरूरत होती है अपने बच्चों के साथ मजबूती से जुड़ने की। आइये जानते हैं अपने बच्चों के साथ पेरेंट्स अपना बॉन्ड कैसे करें मजबूत-
माता-पिता बच्चों के साथ बॉन्डिंग ऐसे मजबूत कर सकते हैं
1. सपोर्ट और इनकरेजमेंट
पैरेंट्स अपने बच्चों के प्रयासों को एकेडमिक्स, शौक और पर्सनल गोल्स में सपोर्ट और इनकरेज करते हैं। पैरेंट्स अपने बच्चों को इनकरेज करते हैं, मोटिवेट करते हैं और अपने बच्चों की अचीवमेंट्स का जश्न मनाते हैं। पैरेंट्स बच्चों में सेल्फ कॉन्फिडेंस और आत्म-सम्मान को बढ़ाते हैं।
2. गाइडेंस और डिसिप्लिन
माता-पिता का उनके बच्चों की गाइडेंस और डिसिप्लिन में इंपॉर्टेंट रोल होता है। वे अपने बच्चों को दुनिया में घूमने और सही और गलत की समझ डेवलप करने में हेल्प करने के लिए बाउंड्रीज सेट करते हैं, रूल्स बनाते हैं और वैल्यूज सिखाते हैं।
3. बिना शर्त प्यार
अगर देखा जाए तो जनरली पैरेंट्स के मन में अपने बच्चों के लिए एक इंटेट लव होता है जो किसी भी कंडीशन या सर्कुमस्टैंसेस में कम या ज्यादा नहीं होता है। पैरेंट्स अपने बच्चों को इमोशनली सपोर्ट करते हैं और प्यार करते हैं, जिससे उनके बच्चों में सिक्योरिटी और अपनेपन की फीलिंग्स बढ़ती हैं।
4. पेरेंटिंग और देखभाल
माता-पिता अपने बच्चों के खाने, रहने और कपड़े जैसी बेसिक नीड्स को पूरा करने के लिए रिस्पॉन्सिबल होते हैं। वे भावनात्मक रूप से भी एक ऐसा एनवायरनमेंट बनाते हैं जो बच्चे की ओवरऑल डेवलपमेंट में सहायक होता है।
5. रोल मॉडलिंग
माता-पिता अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल की तरह होते हैं, जिनका पूरा प्रभाव बच्चों के बिहेवियर, दृष्टिकोण और वैल्यूज पर पड़ता है। बच्चे अपने पैरेंट्स के एक्शंस और बिहेवियर्स को देखकर और ऑब्जर्व करके सीखते हैं।
6. कम्युनिकेशन और इमोशनल कनेक्शन
एक हेल्दी पैरेंट–चाइल्ड–रिलेशनशिप को मेंटेन करने के लिए बच्चे और माता–पिता में इफेक्टिव कम्युनिकेशन और इमोशनल कनेक्शन होने चाहिए। माता-पिता को अपने बच्चों की बात सुनकर, उनकी फीलिंग्स को वैल्यू देनी चाहिए और बच्चों के साथ अपने बॉन्ड को मजबूत करने के लिए ओपन होकर ईमानदारी से बातचीत करने की जरूरत होती है।