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Online Trolling: इस बारे में बच्चों को कैसे समझाएं?

आज के युग में बच्चों का ऑनलाइन होना एक आम बात हो गई है। हालांकि, इंटरनेट की दुनिया में बहुत सी सकारात्मक चीजें हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ नकारात्मक पक्ष भी हैं।

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Srishti Jha
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Online trolling

Image credit: freepik

How to explain to children about online trolling?: आज के डिजिटल युग में, बच्चों का ऑनलाइन होना एक आम बात हो गई है। हालांकि, इंटरनेट की दुनिया में बहुत सी सकारात्मक चीजें हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ नकारात्मक पक्ष भी हैं, जैसे कि ऑनलाइन ट्रोलिंग। ट्रोलिंग का सामना करना बच्चों के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से कठिन हो सकता है। इसलिए, माता-पिता के लिए यह जरूरी है कि वे बच्चों को इस बारे में समझाएं और उन्हें इससे निपटने के तरीकों से अवगत कराएं। यहां पांच महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं, जो आपके बच्चों को ऑनलाइन ट्रोलिंग को समझने और इससे निपटने में मदद करेंगे।

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Online Trolling के बारे में बच्चों को कैसे समझाएं?

1. ट्रोलिंग क्या है और इसके प्रकार

बच्चों को सबसे पहले यह समझाना जरूरी है कि ट्रोलिंग क्या होती है। ट्रोलिंग का मतलब होता है कि कोई व्यक्ति जानबूझकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अन्य लोगों को उकसाने, उन्हें चोट पहुंचाने या परेशान करने के लिए अपमानजनक या उत्तेजक टिप्पणी करता है। ट्रोलिंग के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे कि भद्दे कमेंट्स, व्यक्तिगत हमले, गलत जानकारी फैलाना और साइबर बुलिंग। बच्चों को इन प्रकारों के बारे में बताना चाहिए ताकि वे इसे पहचान सकें।

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2. ऑनलाइन व्यवहार के नियम

बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि वे ऑनलाइन कैसे व्यवहार करें। उन्हें बताएं कि इंटरनेट पर भी वही शिष्टाचार और नैतिकता लागू होती है जो वास्तविक जीवन में होती है। अच्छे व्यवहार के नियमों में शामिल है- दूसरों के प्रति सम्मान दिखाना, बिना अनुमति के किसी की जानकारी या फोटो साझा न करना और अगर कोई उन्हें परेशान करता है तो उसे नजरअंदाज करना और उसकी रिपोर्ट करना।

3. खुद को सुरक्षित रखना

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बच्चों को यह समझाना महत्वपूर्ण है कि वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें। उन्हें सिखाएं कि वे अपने पासवर्ड्स को गोपनीय रखें और अजनबियों के साथ व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। उन्हें यह भी बताएं कि अगर उन्हें कोई ट्रोल करता है तो वे तुरंत अपने माता-पिता या किसी विश्वसनीय वयस्क को इसकी जानकारी दें।

4. मानसिक और भावनात्मक प्रभाव

बच्चों को यह समझाना चाहिए कि ऑनलाइन ट्रोलिंग का उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। ट्रोलिंग से बच्चों में आत्म-सम्मान की कमी, अवसाद और चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। उन्हें यह बताएं कि यह महत्वपूर्ण है कि वे इस तरह की नकारात्मकता को अपने ऊपर हावी न होने दें और अगर वे परेशान महसूस करते हैं तो तुरंत मदद लें।

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5. मदद और समर्थन प्राप्त करना

बच्चों को यह जानना जरूरी है कि अगर वे ट्रोलिंग का सामना करते हैं तो वे अकेले नहीं हैं। उन्हें बताएं कि वे अपने माता-पिता, शिक्षक या स्कूल काउंसलर से मदद ले सकते हैं। इसके अलावा, कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स में ट्रोलिंग की रिपोर्ट करने और उसे ब्लॉक करने के विकल्प होते हैं। बच्चों को इन सुविधाओं का उपयोग करना सिखाएं और उन्हें बताएं कि अगर स्थिति गंभीर हो तो कानूनी मदद भी उपलब्ध है।

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