Parenting: पेरेंट्स और उनके बच्चों का रिश्ता काफी गहरा होता है जहाँ वह हर चीज अपने पेरेंट्स के साथ शेयर करता है लेकिन कुछ ऐसी बातें होती है जो वह अक्सर अपने पेरेंट्स के साथ शेयर करने मे डरता है या कंफर्टेबल नहीं होता है और ऐसे मे अगर पेरेंट्स को उनके बच्चे के रिश्ते के बारे में पता चलता है तो वह भी समझ नहीं पाते हैं कि किस तरह रिएक्ट करें।
क्या करें जब आपका बच्चा रिलेशनशिप मे है
1. Communication
आप अपने बच्चों के साथ इस बारे मे बात करे और उनके पार्टनर के बारे मे जानने की कोशिस करे। आप उन्हे बताए की यह नॉर्मल है और इस तरह की बातें शेयर करने मे डर नहीं होना चाहिए। आप उनको रिश्ते के बारे मे या किस तरह वो उस रिश्ते को संभाले इस सब के बारे मे बताए और बजाय अपने बच्चे को रिलेशनशिप मे आने के लिए डाटने को, आप एक दोस्त की तरह रहे जिससे वह आपको अपने बातें शेयर करने मे न डरे।
2. Accept Their Relationship
जब बच्चे बड़े हो रहे होते है तो यह काफी आम बात है की उनके दिल मे भी किसी के लिए प्यार आए और वह किसी के साथ रिलेशनशिप मे आ सकता सकते है लेकिन पेरेंट्स अक्सर बच्चे को डाट देते है जब उनको अपने बच्चे के रिश्ते के बारे मे पता चलता है। पेरेंट्स अपने बच्चे के लिए काफी प्रोटेक्टिव रहते है और वह कभी नहीं चाहते है की बच्चे किसी गलत इंसान के साथ रिलेशनशिप मे आए और उस कारण उनका दिल टूटे। आप अपने बच्चे के पार्टनर के बारे मे जान सकते है और अगर वह आपके बच्चे के लिए सही है तो आप जरूर उस रिश्ते को अपनाए।
3. Dating Rules
जब आपका बच्चा रिलेशनशिप मे आता है तो यह पेरेंट्स के लिए काफी जरूरी होता है की वह कुछ रुल्स बनाए जिसे उनके बच्चे को फॉलो करना जरूरी हो। आप किसी भी रूल्स को बनाते वक्त ज्यादा स्ट्रिक्ट ना रहे और बच्चे को ऐसा महसूस न होने दे की आप उन पर ज्यादा दबाव डाल रहे है क्योंकि इससे बच्चे रूल्स फॉलो नहीं कर सकते है। आप उनको रुल्स बनाते वक्त यह बताए की वह रिलेशनशिप मे रह कर बाकी सब कुछ न छोड़ दे बल्कि उनको रिश्ते निभाते हुए अपने पढ़ाई और करिअर पर भी ध्यान देना जरूरी है। उन्हे यह भी बताए की वह जिनके साथ भी रिलेशनशिप मे है उनके साथ हमेशा रिस्पेक्ट से बात करे और कभी किसी को दुखी ना करे।
4. Sex Education
जरूरी नहीं है की इंसान जब रिलेशनशिप मे आता है तो उनके बीच कुछ हो, लेकिन हर पेरेंट्स को अपने बच्चों को सेक्स एजुकेशन देना काफी जरूरी है। आपका बच्चा जिस उम्र मे है अक्सर उस समय इस तरह की फीलिंग या कुछ अलग क्रैविंग होती है और अक्सर बच्चे इसको समझ नहीं पाते है लेकिन अगर बच्चे को सेक्स एजुकेशन दिया गया है तो उसके पास इस बारे मे पहले से ही कई जानकारी होती है।