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Secure Parenting: सुरक्षित माता-पिता की इन लक्षणों से करें पहचान

इस बात से बहुत कम लोग सहमत होंगे कि पेरेंट्स भी टॉक्सिक हो सकते हैं। ऐसे में हमें समझना पड़ेगा कि क्या हमारे पेरेंट्स हमारे लिए सुरक्षित है क्योंकि बहुत सारे घरों में माता-पिता अपने बच्चों को समझने में असमर्थ हो जाते हैं।

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Rajveer Kaur
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Signs Of Safe Parents: इस बात से बहुत कम लोग सहमत होंगे कि पेरेंट्स भी टॉक्सिक हो सकते हैं। ऐसे में हमें समझना पड़ेगा कि क्या हमारे पेरेंट्स हमारे लिए सुरक्षित है क्योंकि बहुत सारे घरों में माता-पिता अपने बच्चों को समझने में असमर्थ हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि बच्चों की जरूरत को पूरा करना या फिर उन्हें खर्च उठाना ही पेरेंटिंग है लेकिन ऐसा नहीं है। पेरेंटिंग में बहुत सारे पहलू शामिल होते हैं। हमारे समाज में पेरेंटिंग को बड़े आसान समझ लिया जाता है जिसके कारण बहुत सारे पहलू नजरअंदाज हो जाते हैं। पेरेंटिंग में बच्चों की फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ मेंटल और इमोशनल हेल्थ का भी ध्यान रखना होता है। चलिए आज जानते हैं कि सुरक्षित पेरेंट होने के क्या लक्षण हैं?

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सुरक्षित माता-पिता की इन लक्षणों से करें पहचान

फीलिंग्स को वैलिडेट करें 

सुरक्षित पेरेंट्स हमेशा अपने बच्चों की फीलिंग्स को वैलिडेट करते हैं। अगर बच्चा खुश, उदास या फिर दुखी है तो वह उसे वैसा महसूस करने देते हैं। इसके साथ ही वह बच्चों को ध्यान से सुनते हैं कि वह क्या महसूस कर रहे हैं। इससे उनके बच्चे के साथ एक गहरा संबंध बनने लग जाता है। वह बच्चे की बातों को फजूल नहीं मानते और ना ही नजरअंदाज करते हैं। उन्हें लगता है कि बच्चा अगर कोई बात बोल रहा है तो जरूर उसके पीछे कोई वजह होगी और वे उसे वजह को जानने की कोशिश करते हैं।

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बाउंड्रीज को नजरअंदाज मत करें 

सेफ पेरेंट्स कभी भी बच्चे की बाउंड्रीज को नजरअंदाज नहीं करते। बहुत सारे मां-बाप ऐसे होते हैं जो बच्चों के साथ बाउंड्रीज नहीं बनाते क्योंकि उन्हें लगता है कि बच्चे और पेरेंट्स के बीच में कोई बाउंड्रीज नहीं होनी चाहिए। इससे वह बच्चे की मेंटल और इमोशनल वेल्बीइंग को परेशान कर रहे हैं। अगर आपके पेरेंट्स आपकी बाउंड्रीज को समझ रहे हैं और खुद भी आपके साथ बाउंड्रीज मेंटेन कर रहे हैं तो यह एक हेल्दी रिलेशनशिप की शुरुआत हो सकती है।

घर में सुरक्षित माहौल

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घर में बच्चों को सुरक्षित माहौल प्रदान करना बहुत जरूरी है लेकिन बहुत सारे माता-पिता ऐसा नहीं कर पाते हैं। बच्चे को घर में एक ऐसा माहौल प्रदान किया जाता है जिसमें वह सहज नहीं होते और हमेशा डरे हुए रहते हैं। इससे ऐसा लगता है कि अगर वह किसी के साथ बात करेगा या तो उसे डांट दिया जाएगा या फिर जज किया जाएगा। इसके कारण बच्चा किसी के साथ बात नहीं करता लेकिन सुरक्षित पेरेंट के साथ ऐसा नहीं होता है। उन्होंने घर में ऐसा माहौल बनाया होता है जिसमें बच्चे खुलकर बातचीत करते हैं। उनके मन में कोई डर नहीं होता और पेरेंट्स के साथ बातचीत करने में कंफर्टेबल महसूस करते हैं।

मेंटल हेल्थ

सुरक्षित पेरेंट्स बच्चों की मेंटल हेल्थ को कभी भी नजरअंदाज नहीं करते। उन्हें लगता है कि डिप्रैशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस बच्चों को हो सकता है। ऐसे में वह बच्चे की मेंटल हेल्थ को सही रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं जैसे बच्चों के साथ बैठकर बातें करना, समय व्यतीत करना, उनके साथ एक्टिविटीज करना और घूमने जाना आदि। इससे बच्चा उनके साथ एंगेज रहता है और स्ट्रेस से भी बचता है। ऐसे पेरेंट्स बार-बार बच्चों को क्रिटिसाइज नहीं करते हैं और ना ही जज करते हैं बल्कि बच्चों के सेल्फ एस्टीम और कॉन्फिडेंस को बढ़ाने की कोशिश करते हैं।

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बच्चों के ऊपर विश्वास

सुरक्षित पेरेंट्स बच्चों के ऊपर विश्वास करते हैं और बच्चों का भी अपने माता-पिता के ऊपर विश्वास होता है। इस विश्वास के कारण बच्चे खुलकर बातचीत करते हैं और ओपन माइंडसेट के साथ जिंदगी में आगे बढ़ते हैं। ऐसे पेरेंट्स बच्चों के साथ कंसिस्टेंट रहते हैं जिसका मतलब है कि वह बच्चों के साथ जरूरत के समय पर जुड़े रहने की कोशिश करते हैं जिससे बच्चे को लगता है कि उनकी परिवार में वैल्यू है। इसके साथ ही ऐसे माता-पिता गलती होने पर खुद भी माफी मांगते हैं जिससे बच्चों के लिए वह रोल मॉडल बनते हैं कि माफी मांगने से कोई भी छोटा नहीं हो जाता है।

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