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Teach These Things To Your Child: आजकल के समय में बच्चों की परवरिश में ध्यान देने की जरूरत है। हमारे आसपास माहौल में कंपटीशन बढ़ गया है, मानसिक समस्याएं भी आम हो गई हैं और पेरेंट्स भी वर्किंग है। जिस कारण कई बार बच्चों की परवरिश में कमी रह जाती है। मां-बाप बच्चों को पूर्ण रूप से समय नहीं दे पाते हैं। बच्चे भी अधिकतर समय गैजेट के साथ बिताने लग गए हैं। इसके साथ ही वे बहुत ज्यादा अकेले महसूस करते हैं। इसके कारण वे आजकल के इस कंपटीशन के दौर में दूसरे बच्चों का मुकाबला नहीं कर पाते हैं। खुद को इस बात के लिए दोषी मान लेते हैं। आज हम जानेंगे कि आपको बच्चे की परवरिश में ऐसी कौन सी बातें शामिल करनी चाहिए जिससे वह मानसिक रूप से स्ट्रांग बनें-
Parenting Tips: अपने बच्चे को ये बातें जरूर सिखाएं
उन्हें गलती करने से मत रोके
आमतौर पर पेरेंट्स बच्चों को गलती करने पर डांट-फटकार लगाते हैं। काम गलत करने पर बच्चे को रोक दिया जाता है। उसे कहा जाता है, "तुम इतना काम नहीं कर सकते", इससे बच्चे का आत्मविश्वास गिर जाता है। पहली बार में सभी गलती करते हैं। हम सब गलतियों से सीखते हैं। बच्चों से क्यों अपेक्षा करते हैं कि वह एक बार में ही चीजों को सीख ले। उसे गलतियां करने दीजिए। इससे उसका ही अनुभव बढ़ेगा और मनोबल टूटने की बजाय और मजबूत होगा।
अपनी भावनाओं के साथ डील करें
एडल्ट होने तक भी कई लोगों को अपने इमोशंस के साथ डील नहीं करना आता है जिस कारण वह रेस्पॉन्ड करने की बजाय चीजों पर रिएक्ट करते हैं। यह कई बार उनके लिए ही गलत साबित हो जाता है। उन्हों इमोशंस को प्रकट करना नहीं आता है। इसलिए छोटी उम्र से ही बच्चों को अपनी भावनाओं के साथ मैनेज करना और व्यक्त करना है सिखान शुरू कर देना चाहिए।
फेलियर होना बुरी बात नहीं है
कोटा में टीनएजर के सुसाइड की न्यूज़ आती रहती है क्योंकि उनके दिमाग में यह बात भरी गई है कि फेल होना गलत है। कभी भी अपने बच्चों को फैलियर्स से भागना मत सिखाएं। उनके दिमाग में यह बात मत डालिए कि अगर तुम फेल हो जाओगे तो जिंदगी में कुछ नहीं कर पाओगे। बल्कि अगर आपका बच्चा फेल हो रहा है इसका मतलब है कि वह जिंदगी में कुछ कर रहा है और चीजें सीख रहा है। कभी भी उनके दिमाग में फैलियर की एक नेगेटिव छवि मत बनाइए।
घर के कामों में हिस्सा ले
लड़का और लड़की दोनों के लिए घर के कामों में हिस्सेदारी लेना बहुत जरूरी है। यह एक ऐसा स्किल है जो बच्चों को इंडिपेंडेंट बनाएगा। इससे उनके दिमाग में क्रिएटिव आइडियाज आएंगे। वे आम जिंदगी से हटकर नई चीज कर सकते हैं। उन्हें अपनी हॉबीज के बारे में पता चलेगा।
नई चीजें सीखें
जिंदगी में कभी भी यह मत नहीं सोचना चाहिए कि हमें सब कुछ आता है। अगर आप अपनी जिंजिंदगी में सीखना बंद कर देंगे तो आप बहुत जल्दी बर्नआउट हो जाएंगे। आपकी जिंदगी में कोई एक्साइटमेंट नहीं रहेगी। बच्चों को हमेशा नई चीजों के को सीखने के लिए उत्सुक रहना चाहिए। उनके दिमाग में यह मत फिट कीजिए कि तुम्हें सब कुछ आता है। इससे वह ओवरकॉन्फिडेंट हो जाएंगे।ऐसे बहुत मौके छूट जाएंगे क्योंकि उन्हें लगेगा कि मुझे तो सब कुछ आता है।
सवाल पूछना सीखें
बचपन में जब बच्चे सवाल पूछते हैं तब मां-बाप उन्हें रोक देते हैं। उन्हें कहा जाता है कि इतने सवाल पूछना अच्छी बात नहीं है। यहां पर हम बहुत बड़ी गलती कर देते हैं। बच्चों के मन को कभी भी शांत नहीं करना चाहिए। इसे हमेशा ही बढ़ते रहने देना चाहिए। इससे वह जानते रहेंगे और कभी भी बोर नहीं होंगे।उन्हें अपने आप से प्यार होने लगेगा।