Why Society Puts Pressure Onp Couples To Have Babies Right Away: शादी के तुरंत बाद ही महिलाओं के ऊपर बच्चा पैदा करने का प्रेशर आने लग जाता है। इसके कारण महिलाओं की मानसिक हेल्थ बहुत ज्यादा प्रभावित होती है। महिलाओं को शादी के बाद ही परिवार या रिश्तेदार पूछने लग जाते हैं कि बेटा हमें बच्चों का चेहरा देखने का मौका कब मिलेगा। यह सब बातें सुनने में बहुत प्यारी लग सकती हैं लेकिन इनका असर बहुत गहरा होता है। यह जरूरी नहीं है कि अगर शादी हो गई है तो अब उसके तुरंत बाद ही बच्चा होना ही चाहिए। पहले कपल को एक दूसरे को समझने का मौका मिलना चाहिए क्योंकि पेरेंट बनना बहुत बड़ी रिस्पांसिबिलिटी है। चलिए आज इसके ऊपर बात करते हैं-
शादी के तुरंत बाद बच्चे का प्रेशर क्यों?
हमारे समाज में यह बात समझने की जरूरत है कि शादी सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए नहीं होती। कपल को एक- दूसरे के साथ समय व्यतीत करने का भी मौका मिलना चाहिए। बहुत सारे कपल के शादी होने के बाद बच्चे हो भी जाते हैं लेकिन फिर भी वे अपने पार्टनर को अच्छी तरीके से नहीं जानते होए क्योंकि बच्चे आने के बाद जिम्मेदारियां बहुत बढ़ जाती हैं। इस तरह बच्चा कपल की पहली प्राथमिकता बन जाता है। मुख्य रूप से महिलाओं की बात की जाए तो उनके ऊपर मां बनने का प्रेशर जल्दी नहीं डालना चाहिए क्योंकि उन्हें बहुत ज्यादा बदलावों से गुजरना पड़ता है।
शादी में एडजस्ट होने में समय लगता है
एक महिला का शादी के बाद सब कुछ बदल जाता है। उसे नए माहौल में एडजस्ट होने में समय लगता है। ऐसे में अगर आप उन्हें मां बनने का प्रेशर डालेंगे तो इससे उनकी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सेहत के ऊपर असर पड़ सकता है। बच्चा पैदा करने के लिए भावनात्मक रूप से भी तैयार होना बहुत जरूरी है कि क्या आप भावनात्मक रूप से बच्चे के लिए तैयार है? कहीं आप यह फैसला समाज के डर से ले रहे हैं या फिर आप सच में बच्चा चाहते हैं।
जिम्मेदारियां पहले से ज्यादा बढ़ जाती हैं
शादी के बाद आपकी जिम्मेदारियां पहले से ज्यादा बढ़ जाती हैं। ऐसे में बच्चे की जिम्मेदारी आपके लिए बहुत ज्यादा हो जाती है। इसलिए आर्थिक रूप से स्टेबल होना बहुत जरूरी है लेकिन बहुत सारे कपल ऐसा नहीं सोचते हैं क्योंकि उन्हें मौका ही नहीं दिया जाता। ऐसा समझा जाता है कि शादी और बच्चा होने के बाद ही लाइफ सेटल हो जाती है। इस चक्कर में बहुत सारे कपल बच्चा पैदा करने का डिसीजन बहुत जल्दी ले लेते हैं लेकिन वित्तीय रूप से इतने सशक्त नहीं होते हैं। कई बार कपल भावनात्मक रूप से भी तैयार नहीं होते हैं।
अंत में, किसी भी महिला की वर्थ मां बनने से डिफाइन नहीं होती है। यह एक पर्सनल चॉइस है। अगर आप शादी के बाद जल्दी बच्चा नहीं चाहते हैं या फिर आप मां नहीं बनना चाहते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। आपको समाज के प्रेशर में आकर ऐसा फैसला लेने की कोई जरूरत नहीं है। किसी के दबाव में आकर ऐसा फैसला जल्दबाजी में मत लें क्योंकि इसका असर आपकी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सेहत के ऊपर ही पड़ेगा। आप अपना फैसला मैच्योरिटी के साथ लें और यह डिसीजन सिर्फ आपका या फिर आपके पार्टनर का ही होना चाहिए। इसमें किसी अन्य व्यक्ति की कोई भी राय नहीं होनी चाहिए।