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World Cancer Day 2025: कैंसर को लेकर समाज में कई तरह की गलतफहमियां और मिथक फैले हुए हैं। इन गलत धारणाओं की वजह से लोग सही समय पर जांच नहीं करवाते या इलाज से डरते हैं। विश्व कैंसर दिवस (4 फरवरी) का मकसद न सिर्फ इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाना है, बल्कि इन मिथकों को भी दूर करना है। इस आर्टिकल में हम 5 बड़े कैंसर मिथकों की सच्चाई जानेंगे ताकि लोग सही फैसले ले सकें।
जानिए कैंसर से जुड़े 5 बड़े मिथक
1. मिथक: कैंसर छूने से फैल सकता है
कई लोग मानते हैं कि अगर वे किसी कैंसर पेशेंट के संपर्क में आएंगे तो उन्हें भी यह बीमारी हो सकती है। यह पूरी तरह गलत है। कैंसर संक्रामक (infectious) बीमारी नहीं है, यानी यह किसी से किसी में नहीं फैलता। आप कैंसर मरीज के साथ खाना खा सकते हैं, गले मिल सकते हैं, उनके साथ रह सकते हैं – इससे आपको कोई खतरा नहीं है।
2. मिथक: कैंसर का मतलब है मौत की सजा
बहुत से लोग सोचते हैं कि कैंसर का कोई इलाज नहीं है और इसका मतलब सिर्फ मौत है। लेकिन आज के समय में यह सच नहीं है।
अगर शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता चल जाए तो इलाज पूरी तरह संभव है। सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी जैसी आधुनिक तकनीकों से कई लोगों को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कुछ अन्य प्रकार के कैंसर का इलाज सफलतापूर्वक किया जा रहा है। कैंसर को जल्दी पहचानने और सही इलाज लेने से लाइफ सेव हो सकती है।
3. मिथक: सिर्फ धूम्रपान करने वालों को ही कैंसर होता है
यह सच है कि धूम्रपान कैंसर का एक बड़ा कारण है, लेकिन सिर्फ यही वजह नहीं है। धूम्रपान न करने वालों को भी कैंसर हो सकता है।
- अनहेल्दी डाइट,
- जेनेटिक्स (आनुवंशिक कारण),
- रेडिएशन एक्सपोजर,
- शारीरिक निष्क्रियता,
- खराब पर्यावरणीय परिस्थितियां भी कैंसर का कारण बन सकती हैं।
इसलिए, धूम्रपान से बचना जरूरी है, लेकिन इसके अलावा भी एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है।
4. मिथक: बायोप्सी या सर्जरी से कैंसर तेजी से फैलता है
कई लोगों को लगता है कि अगर किसी ट्यूमर की बायोप्सी (Biopsy) या सर्जरी कराई जाए तो कैंसर तेजी से फैल जाएगा। यह पूरी तरह गलत धारणा है।
बायोप्सी एक डायग्नोस्टिक टेस्ट है, जिससे डॉक्टर यह पहचानते हैं कि ट्यूमर कैंसरजनक है या नहीं। अगर जरूरत पड़े तो सर्जरी कैंसर को शरीर से निकालने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। सही समय पर बायोप्सी और सर्जरी कराने से इलाज की सफलता दर बढ़ती है। इसलिए डर की वजह से बायोप्सी या सर्जरी टालना सही नहीं है।
5. मिथक: कैंसर की रोकथाम संभव नहीं है
हालांकि कैंसर के कुछ कारण हमारे हाथ में नहीं होते, लेकिन कई मामलों में कैंसर को रोका जा सकता है।
- हेल्दी डाइट – फल, सब्जियां, फाइबर और हेल्दी फैट का सेवन करें।
- शारीरिक सक्रियता – रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।
- धूम्रपान और शराब से बचें – ये कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं।
- नियमित हेल्थ चेकअप कराएं – शुरुआती जांच से कैंसर का इलाज आसान हो जाता है।
- सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें – सूरज की UV किरणें स्किन कैंसर का कारण बन सकती हैं।
इन आदतों को अपनाकर कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
कैंसर को लेकर कई तरह की गलत धारणाएं फैली हुई हैं, जो इलाज में देरी का कारण बन सकती हैं। सही जानकारी और जागरूकता से न सिर्फ इस बीमारी को समझा जा सकता है, बल्कि इससे बचाव भी संभव है। विश्व कैंसर दिवस का उद्देश्य ही यही है – मिथकों को दूर करना और सही जानकारी फैलाना।