Mental Wellness: जानिए ट्रॉमा से उभरने के 5 उपाय

ट्रॉमा का अर्थ हिंदी में *"आघात"* या *"चोट"* होता है। यह शारीरिक या मानसिक चोट या आघात को संदर्भित करता है, जो किसी व्यक्ति के शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

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Shivalika Srivastava
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Trauma

Photograph: (File Image )

5 Tips To Recover from Trauma: ट्रॉमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें शारीरिक या मानसिक आघात के कारण व्यक्ति को नुकसान पहुंचता है। यह आघात किसी दुर्घटना, शारीरिक हमला, या अन्य प्रकार की चोट के कारण हो सकता है। ट्रॉमा के कारण व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि दर्द, चिंता, तनाव और अवसाद। ट्रॉमा का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा हो सकता है, और इसके लिए उचित उपचार और समर्थन की आवश्यकता होती है।

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Trauma से उभरने के 5 उपाय 

आइए जानते Trauma से उभरने के पांच उपाय

1.व्यावसायिक मदद लें

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 एक योग्य थेरेपिस्ट या काउंसलर आपको ट्रॉमा के प्रभावों को समझने और उसका सामना करने में मदद कर सकता है। वे आपको अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और उन्हें प्रबंधित करने के लिए तकनीकें सिखा सकते हैं। इसके अलावा, वे आपको ट्रॉमा के कारण उत्पन्न होने वाले नकारात्मक विचारों और व्यवहारों को बदलने में मदद कर सकते हैं। व्यावसायिक मदद से आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना सीख सकते हैं और अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने में सक्षम हो सकते हैं। 

2.समर्थन नेटवर्क बनाएं 

 जब आप दोस्तों, परिवार और समुदाय के साथ जुड़ते हैं, तो आपको भावनात्मक समर्थन मिलता है जो आपको ट्रॉमा के प्रभावों से निपटने में मदद करता है। समर्थन नेटवर्क आपको अकेलापन और अलगाव की भावना से बचाता है, और आपको यह महसूस कराता है कि आपके पास लोग हैं जो आपकी परवाह करते हैं और आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं। इससे आपको अपनी भावनाओं को साझा करने और समर्थन प्राप्त करने का अवसर मिलता है, जो उपचार की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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3.Self Care करें 

सेल्फ केयर ट्रॉमा से उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जब आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, तो आप अपनी भावनात्मक स्थिति में सुधार कर सकते हैं। सेल्फ केयर आपको तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, जिससे आप अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं। इसके अलावा, सेल्फ केयर आपको आत्म-विश्वास और आत्म-मूल्य बढ़ाने में मदद करता है, जो ट्रॉमा के प्रभावों से निपटने में महत्वपूर्ण है। 

4.ध्यान और Mindfullness 

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ध्यान और माइंडफुलनेस के अभ्यास से आप वर्तमान में रहने और अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इससे आप ट्रॉमा के कारण उत्पन्न होने वाले नकारात्मक विचारों और भावनाओं को कम कर सकते हैं और अपने मन को शांति और स्थिरता प्रदान कर सकते हैं। ध्यान और माइंडफुलनेस आपको तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद करते हैं, जिससे आप अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने में सक्षम हो सकते हैं। इसके अलावा, ध्यान और माइंडफुलनेस आपको आत्म-जागरूकता और आत्म-स्वीकृति बढ़ाने में मदद करते हैं, जो ट्रॉमा से उभरने के लिए आवश्यक है।

5.जर्नलिंग

  जब आप अपने विचारों और भावनाओं को लिखते हैं, तो आप उन्हें व्यक्त करने और समझने में मदद पाते हैं। जर्नलिंग आपको अपने अनुभवों को प्रतिबिंबित करने और उनके अर्थ को समझने में मदद करता है, जिससे आप ट्रॉमा के प्रभावों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। इसके अलावा, जर्नलिंग आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे आप अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने में सक्षम हो सकते हैं। जर्नलिंग आपको आत्म-जागरूकता और आत्म-स्वीकृति बढ़ाने में भी मदद करता है, जो ट्रॉमा से उभरने के लिए आवश्यक है। 

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