Bad Effects Of Smoking On Your Body: स्मोकिंग या सिगरेट पीने की आदत जितनी आसानी से लग जाती है उसे छोड़ना उतना ही कठिन है। ऐसा नहीं है कि स्मोकर सिगरेट से होने वाले हानिकारक प्रभावों को नहीं जानते। हम सब जानते हैं कि लेकिन छोड़ नहीं पा रहे हैं। स्मोकिंग के पैकेट पर साफ-साफ लिखा होता है कि 'सिगरेट पीना सेहत के लिए जानलेवा है'। हम जानते हुए भी इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इसका मुख्य कारण 'तलब' है जिसके कारण हम न चाहते हुए भी सिगरेट पीते हैं। इससे एक नहीं अनेक मानसिक और शारीरक समस्याएं पैदा होती है। चलिए जानते हैं-
Smoking Kills: क्या आप जानते हैं सिगरेट के जानलेवा नुक़सान?
महिलाओं पर प्रभाव
पीरियड्स
स्मोकिंग के महिलाओं पर भी बहुत बुरे प्रभाव देखने को मिलते हैं। स्मोकिंग का सीधा असर महिलाओं के रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर पड़ता है जिससे पीरियड्स आने में परेशानी होती है। पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और दर्द भी बहुत होता है। इसके साथ ही हार्मोनल इंबैलेंस हो जाता है। एस्ट्रोजन लेवल में कमी आ जाती है। मूड स्विंग्स होने लगते हैं।
प्रेगनेंसी
प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिला स्मोक करती है इसके कारण उसे बहुत दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। इसका प्रभाव उसके बच्चे पर भी पड़ सकता है। बच्चा समय से पहले पैदा हो सकता है। यह भी खतरा है कि बच्चे के जन्म से ही कोई दोष निकले। बच्चा कम वजन के साथ पैदा हो सकता है। बच्चों की ब्रेन डेवलपमेंट पर भी असर पड़ेगा।
मानसिक परेशानियों
स्टडीज में यह भी पाया गया है कि जो महिलाएं स्मोकिंग करती है उन्हें मानसिक स्थितियों से ज्यादा गुजरना पड़ता है जैसे एंग्जायटी, डिप्रैशन और सुसाइडलिटी आदि। स्मोकिंग करने वाली अधिकतर महिलाएं चाइल्डहुड एब्यूज या इंटिमेट पार्टनर वायलेंस का शिकार हुई होती हैं।
बांझपन
आजकल बहुत सारी महिलाओं को गर्भधारण नहीं कर पा रही है। उन्हें बच्चा कंसीव करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसका एक कारण स्मोकिंग भी है। स्टडी में यह भी पाया गया है कि जो महिलाएं दिन में 6 से इससे ज्यादा सिगरेट पीती हैं उनमें गर्भधारण करने की क्षमता को काफी नुकसान पहुंचता है।
आसपास के लोग भी होते हैं प्रभावित
सिगरेट पीने से सिर्फ वह व्यक्ति ही प्रभावित नहीं होता जो इसका इस्तेमाल कर रहा है। वह अपने साथ-साथ आसपास के लोगों की जिंदगी को भी खतरे में डाल रहा है। सेकेंडहैंड स्मोक से उन लोगों पर भी प्रभाव पड़ते हैं जो स्मोक नहीं करते। इसके साथ कार्डियोवैस्कुलर रोग जैसे ब्लड प्रेशर का बढ़ना, हार्ट अटैक, फेफड़ों की समस्याएं, अस्थमा, लंग कैंसर का बढ़ता हुआ रिस्क, ब्रेन कैंसर, खांसी और सांस फूलना आदि प्रभाव पड़ते हैं।