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Sabja Seeds: जानिए सब्जा सीड्स खाने के कुछ बड़े फायदे

सब्जा के खाने के कई फायदे होते हैं, जैसे प्रोटीन, आवश्यक फैट्स, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर हमारे शरीर को मिलते हैं। इसके साथ यह बात भी है कि इसमें कैलोरी नहीं होती। जानें अधिक इस हैल्थ ब्लॉग में-

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Vaishali Garg
17 May 2023
Sabja Seeds: जानिए सब्जा सीड्स खाने के कुछ बड़े फायदे

Sabja seeds Image Credit: Unsplash

Sabja Seeds: सब्जा बीज को हमेशा पानी में भिगोकर ही खाए जाते हैं। बीज को पानी में डालने पर सब्जा सीड्स फूलने लगते हैं और ये दोगुना और जेली जैसे हो जाते हैं। सब्जा के खाने के कई फायदे होते हैं, जैसे प्रोटीन, आवश्यक फैट्स, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर हमारे शरीर को मिलते हैं। इसके साथ यह बात भी है कि इसमें कैलोरी नहीं होती। इसे खाने से डायबिटीज कंट्रोल में रहता है और त्वचा भी ग्लो करती है।

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सब्जा सीड्स के खाने के फायदे

1. वजन घटाए

सब्जा सीड्स में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड होता है, जो ओमेगा-3 फैटी एसिड से प्राप्त होता है। ये सीड्स खाने से फैट बर्न होता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद फाइबर की वजह से लंबे समय तक पेट भरा रहता है, जिससे तेजी से वजन कम होता है।

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2. डायबिटीज में नियंत्रण 

सब्जा सीड्स खाने से डायबिटीज को नियंत्रित रखना संभव होता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

3. कब्ज और सूजन में राहत 

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रात को सोने से पहले सब्जा सीड्स खाने से पेट साफ हो जाता है। इससे बॉडी जल्दी डिटॉक्स होती है। इससे गैस का निर्माण नहीं होता और डिटॉक्स सिस्टम अच्छा रहता है। साथ ही, सब्जा सीड्स पेट की सूजन को भी दूर करने में मदद करते हैं।

4. जलन और एसिडिटी को दूर करे

भिगोए हुए सब्जा सीड्स खाने से पेट में होने वाली जलन भी दूर होती है और शरीर से वेस्ट को बाहर निकाल देता है, साथ ही पित्त की मात्रा को कम करता है।

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5. शरीर की गर्मी को दूर करे

गर्मी में आपको सब्जा सीड्स जरूर खाने चाहिए। इससे गर्मी में होने वाली बीमारियों और खुजली से बचा जा सकता है। सब्जा सीड्स शरीर को स्वस्थ रखते हैं। इससे खाने से शरीर की गर्मी कम हो जाती है। आप इसे चीन, दुध के साथ भी ले सकते हैं।

चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।

सूचना : इस आलेख को केवल संपादित किया गया है। मौलिक लेखन प्रीती विश्वकर्मा का है।

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