Ayurveda Support: क्या आयुर्वेद हार्मोनल इमबैलेंस को ठीक कर सकता है?

क्या आप हार्मोनल इमबैलेंस से जूझ रहे हैं? जानिए आयुर्वेद किस तरह से प्राकृतिक तरीकों और जीवनशैली के ज़रिए हार्मोनल असंतुलन को संतुलित करने में मदद कर सकता है।

author-image
Sakshi Rai
New Update
Untitled design - 2025-04-11T155923.787

Photograph: (uclahealth)

Can Ayurveda Treat Hormonal Imbalance: आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हार्मोनल इमबैलेंस एक आम समस्या बनती जा रही है। कभी अचानक मूड स्विंग्स, थकान, पीरियड्स में गड़बड़ी या नींद न आना ये सब संकेत हो सकते हैं कि हमारे हार्मोन संतुलन में नहीं हैं। अक्सर लोग इन परेशानियों का इलाज दवाओं से करना शुरू कर देते हैं, लेकिन कई बार उससे सिर्फ थोड़ी देर की राहत मिलती है।

Advertisment

ऐसे में बहुत से लोग अब आयुर्वेद की ओर रुख कर रहे हैं - एक ऐसा प्राचीन भारतीय विज्ञान जो शरीर को प्राकृतिक तरीकों से संतुलित करने में भरोसा रखता है। आयुर्वेद बीमारी के लक्षणों का नहीं, बल्कि उनकी कारणों का इलाज करता है और शरीर-मन के संतुलन को सुधारने पर फोकस करता है।

क्या आयुर्वेद हार्मोनल इमबैलेंस को ठीक कर सकता है?

आजकल हार्मोनल इमबैलेंस एक आम समस्या बन चुकी है, जो किसी न किसी रूप में लगभग हर परिवार में किसी न किसी सदस्य को प्रभावित करती है। महिलाएं इसे पीरियड्स में अनियमितता, मूड स्विंग्स, थकान या वजन बढ़ने जैसे लक्षणों के रूप में महसूस करती हैं। वहीं, पुरुषों में भी यह समस्या हो सकती है, जैसे कम ऊर्जा, तनाव, या सेक्स ड्राइव में कमी। परिवार में जब किसी को ये दिक्कतें होने लगती हैं, तो सभी यही सोचते हैं कि क्या इसका कोई इलाज है?

Advertisment

यह समस्या इतनी सामान्य हो गई है कि हर घर में कोई न कोई इसके बारे में बात करता है। अक्सर लोग डॉक्टर से दवाइयाँ लेते हैं, लेकिन कभी-कभी ये दवाइयाँ सिर्फ लक्षणों को ढकने का काम करती हैं, और समस्या का स्थायी समाधान नहीं मिलता। इस स्थिति में बहुत से लोग अब आयुर्वेद की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि आयुर्वेद न केवल शरीर, बल्कि मन और आत्मा के संतुलन पर भी ध्यान देता है।

आयुर्वेद के अनुसार, हार्मोनल इमबैलेंस तब होता है जब शरीर के अंदर कोई अशुद्धि या दोष पैदा हो जाता है। इसके लिए आयुर्वेद में शरीर के तीन दोष वात, पित्त, और कफ के संतुलन को सही करने पर ध्यान दिया जाता है। आयुर्वेद में इस समस्या का इलाज प्राकृतिक तरीके से किया जाता है, जिसमें विशेष हर्ब्स, आहार, और जीवनशैली में बदलाव शामिल होते हैं।

आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाली कुछ प्रमुख हर्ब्स

Advertisment

अश्वगंधा -  यह हर्ब शरीर को ताकत देती है, मानसिक तनाव को कम करती है और हार्मोनल संतुलन को बनाए रखती है।

शतावरी - महिलाओं के हार्मोनल इमबैलेंस को सुधारने में यह हर्ब मदद करती है और पीरियड्स को नियमित करती है।

तुलसी - यह तनाव कम करने में मदद करती है, जिससे हार्मोनल स्तर नियंत्रित रहते हैं।

Advertisment

इसके अलावा, आयुर्वेद में भोजन पर भी खास ध्यान दिया जाता है। उदाहरण के लिए, अधिक तला-भुना और मिर्च-मसालेदार खाना हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है जबकि हल्का ताजगी से भरा हुआ भोजन और सही आहार आयुर्वेद के अनुसार शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।

इस प्रकार आयुर्वेद का दृष्टिकोण प्राकृतिक उपाय प्रदान करता है, जो हार्मोनल इमबैलेंस को ठीक करने में मदद कर सकता है।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

Ayurveda Ayurveda For Health Hormonal Hormonal Balance Hormonal Health Hormonal Imbalance