Menopause And Hormones: मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव आपके शरीर को कैसे प्रभावित करते हैं?

मेनोपॉज के दौरान आपके शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो मूड, मेटाबॉलिज्म, त्वचा और नींद को प्रभावित कर सकते हैं। जानिए कौन-कौन से हार्मोन बदलते हैं और इन बदलावों से कैसे निपटा जा सकता है।

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Menopause And Hormones: मेनोपॉज सिर्फ पीरियड्स बंद होने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह शरीर में कई महत्वपूर्ण हार्मोन में बदलाव लाता है। यह बदलाव मूड, मेटाबॉलिज्म, त्वचा और नींद जैसी कई चीजों को प्रभावित कर सकते हैं। अगर आप समझ जाएं कि कौन-कौन से हार्मोन बदल रहे हैं, तो इस नए दौर को आसानी से अपनाया जा सकता है।

मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव आपके शरीर को कैसे प्रभावित करते हैं?

Estrogen: सबसे अहम हार्मोन जो घट रहा है

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Estrogen महिलाओं के लिए सबसे जरूरी हार्मोन में से एक है। यह रिप्रोडक्टिव हेल्थ, बोन डेंसिटी, स्किन इलास्टिसिटी और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। मेनोपॉज के दौरान Estrogen का स्तर घटने लगता है, जिससे hot flashes, night sweats, vaginal dryness और बालों का पतला होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। Estrogen की कमी से Osteoporosis का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इस दौरान हड्डियों की सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी हो जाता है।

Progesterone: नींद और शांति का हार्मोन

Progesterone, Estrogen के साथ मिलकर मेन्स्ट्रुअल साइकिल को रेगुलेट करता है और मूड बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन मेनोपॉज के दौरान इसका स्तर गिरने लगता है, जिससे नींद में परेशानी, चिंता और अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जब Progesterone का स्तर कम हो जाता है, तो Estrogen प्रभावी रूप से हावी हो सकता है, जिससे bloating और breast tenderness जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

Testosterone: ऊर्जा और सेक्स ड्राइव को बनाए रखने वाला हार्मोन

Testosterone को आमतौर पर पुरुषों से जोड़ा जाता है, लेकिन यह महिलाओं के लिए भी बहुत जरूरी है। यह मसल स्ट्रेंथ, मोटिवेशन और सेक्स ड्राइव को बनाए रखने में मदद करता है। मेनोपॉज के दौरान Testosterone का स्तर घट सकता है, जिससे थकान, सेक्स ड्राइव में कमी और मसल टोन में गिरावट हो सकती है।

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Cortisol: तनाव बढ़ाने वाला हार्मोन

Estrogen और Progesterone के स्तर में कमी के कारण Cortisol का स्तर बढ़ सकता है। Cortisol को stress hormone भी कहा जाता है, और इसका बढ़ा हुआ स्तर बेली फैट बढ़ाने, चिड़चिड़ापन और नींद की समस्या का कारण बन सकता है। यह हार्मोन स्ट्रेस और एंग्जायटी को भी प्रभावित करता है, जिससे मेंटल हेल्थ पर असर पड़ सकता है।

Insulin: ब्लड शुगर को नियंत्रित करने वाला हार्मोन

मेनोपॉज के दौरान शरीर Insulin resistance विकसित कर सकता है, जिससे वजन बढ़ सकता है और मीठा खाने की इच्छा बढ़ सकती है। इसका सीधा असर ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है, जिससे डायबिटीज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। Insulin को बैलेंस करने के लिए हेल्दी डाइट लेना जरूरी है, जिसमें फाइबर, प्रोटीन और होल ग्रेन्स शामिल हों।

मेनोपॉज के बदलावों को कैसे संभालें?

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हालांकि मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं, लेकिन कुछ लाइफस्टाइल चेंजेस से इनके प्रभाव को कम किया जा सकता है। संतुलित डाइट, नियमित एक्सरसाइज, अच्छी नींद और तनाव को मैनेज करना इस दौरान बेहद जरूरी होता है। कुछ महिलाएं Hormone Replacement Therapy (HRT) या नेचुरल सप्लीमेंट्स का सहारा लेती हैं, लेकिन यह पूरी तरह डॉक्टर की सलाह से ही किया जाना चाहिए।

मेनोपॉज का दौर हर महिला के लिए अलग होता है, लेकिन इन बदलावों को समझकर और सही कदम उठाकर इसे आसान बनाया जा सकता है। यह जीवन का एक नया चरण है, जिसमें शरीर की देखभाल करना और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है। सही जानकारी और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इस बदलाव को सहज और संतुलित बनाया जा सकता है।

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