Advertisment

Pregnancy In PCOS: क्या PCOS होने के बावजूद भी हो सकते हैं प्रेग्नेंट

जिन महिलाओं को गर्भधारण में समस्या आती है, उनमें पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम एक आम समस्या होती है। एक अनुमान के अनुसार 10 से में एक महिला पीसीओएस से पीड़ित है। जानिए इस हैल्थ संबंधित ब्लॉग के जरिए क्या हो सकते हैं प्रेग्नेंट पीसीएस के दौरान

author-image
Aastha Dhillon
New Update
pcos

Pcos

Pregnancy In PCOS: पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पीसीओएस (PCOS) बेहद कॉमन हॉर्मोनल बीमारी है जो रीप्रोड्यूस करने की उम्र वाली हर 5 में से 1 महिला में देखने को मिलती है। इसमें ओवरी के सही तरीके से कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। पीसीओएस से जुड़ी एक सबसे बड़ी परेशानी है इन्फर्टिलिटी (Infertility)। इसके अलावा भी पीसीओएस से जुड़ी कई और मुश्किल अवस्थाएं हैं जैसे- miscarriage का खतरा, प्रेगनेंसी के समय डायबिटीज की समस्या, प्रीमैच्योर डिलिवरी आदि।

Advertisment

पीसीओएस में गर्भधारण करने में कितना समय लगता है?

वीडियो वायरल

अगर किसी महिला को पीसीओएस की समस्या है लेकिन उनकी उम्र 35 साल से कम है और पीसीओएस के बावजूद अगर महिला की ओव्यूलेशन की प्रक्रिया नियमित रूप से काम कर रही है। साथ ही साथ, दोनों पार्टनर में से किसी को भी रिप्रोडक्टिव पावर से संबंधित कोई भी प्रॉब्लम नहीं है तो वह 1 साल या उससे भी कम अवधि में प्रेग्नेंट हो सकती है। लेकिन अगर पुरुष में स्पर्म काउंट का इश्यू है तो ऐसे में महिला को गर्भवती होने में 1 साल से अधिक समय लग सकता है। 35 साल के बाद महिलाओं की रिप्रोडक्टिव पावर आमतौर पर भी कम होने लगती है।

Advertisment

पीसीओएस में Pregnant होने के लिए क्या करें?

पीसीओएस का मतलब ये नहीं कि आपके लिए गर्भवती होना मुमकिन नहीं है लेकिन कई बार कुछ स्थितियां प्रेगनेंसी के लिए गलत साबित जरूर हो जाती हैं। इस तरह के मामलों में ओव्यूलेशन (ovulation ) होना बेहद जरूरी है।इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए डॉक्टर आपको निम्नलिखित चीजों को फॉलो करने की सलाह दे सकते हैं :



वजन कम करें : अगर पीसीओएस से पीड़ित महिला मोटापे का शिकार है तो बेहद जरूरी है कि पहले वह अपना वजन कम करे तभी ovary से हैल्दी रह पाएगी। अगर वजन में सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत की भी कमी कर ली जाएं तो रीप्रोडक्टिविटी में काफी बढ़ोतरी हो सकती है‌। 18.5 से 24.9 के बीच BMI को आदर्श माना जाता है।



जीवनशैली में बदलाव : स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करें, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, फिजिकल ऐक्टिविटी में शामिल हों, स्मोकिंग न करें, अल्कोहल का सेवन करने से बचें, जहां तक संभव हो तनाव से दूर ही रहें, डायबिटीज की समस्या हो तो उसे कंट्रोल में रखें। लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने से भी रिप्रोडक्टिव हेल्थ काफी अच्छी होती है।

Medicines: आपके गर्भवती होने के चांसेज को बढ़ाने के लिए डॉक्टर आपको कुछ दवाइयां भी प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। 



1.हार्मोनल बर्थ कंट्रोल के तरीकों जैसे कि गोलियों, वजाइनल रिंग या इंट्रायूट्राइन डिवाइस की मदद से कंसीव करने से पहले मासिक चक्र को आसानी से नियमित किया जा सकता है।



2.क्‍लोमिफेन जैसी दवाओं की मदद से भी ओवुलेशन में मदद मिलती है।               

Advertisment

3.आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन से भी मां बना जा सकता है। जब दवा और जीवनशैली में बदलाव से फायदा न मिले तो इस स्थिति में IVF Technique अपनाई जाती है।

Advertisment