Can Teenagers Also Get Breast Cancer? महिलाओं में जब भी कैंसर की बात सामने आती है, तब सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े हुए रहते हैं। हालांकि आमतौर पर इसे उम्रदराज महिलाओं से जोड़कर देखा जाता हैं। खासतौर पर 50 से ऊपर की महिलाओं को, लेकिन हाल के दिनों में कई ऐसे मामले आए हैं। जिनमें टीनएज उम्र की लड़कियां भी ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हुई हैं। ऐसे में अब सवाल उठने लगा है कि क्या टीनएज उम्र की लड़कियों को भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है? लेकिन यह भी सच है कि टीनएजर्स को ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कम रहता है। रिपोर्ट के मुताबिक एक लाख टीनएजर्स में से 0.1 प्रतिशत टीनएजर्स ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित रहती हैं। ऐसे में टीनएजर्स को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूक रहना चाहिए और लक्षणों के बारे में पता होने चाहिए। ताकि समय रहते इसका उपचार किया जा सकें।
क्या टीनएज उम्र की लड़कियां भी होती हैं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार
नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 30 साल के बाद बढ़ जाता है। जबकि टीनएज में इसके होने की उम्मीद न्यूनतम होती है, लेकिन कई ऐसे कारण हैं। जिस कारण किशोरावस्था में भी ब्रेस्ट कैंसर की समस्या हो सकती है।
1. जेनेटिक्स
टीनएज उम्र में इसका जोखिम जेनेटिक्स प्रॉब्लम के कारण भी बढ़ जाता है। यदि परिवार के किसी सदस्य को ये समस्या खासतौर पर मां, बहन या दादी को कम उम्र में हुआ होगा तो यह आगे पीढ़ी में भी कम उम्र की लड़कियों में देखा जा सकता है। जिसके लिए जिम्मेदार BRCA1, BRCA2 जीन म्यूटेशन जिम्मेदार होते हैं।
2. हार्मोनल बदलाव
इसके जोखिम में हार्मोनल बदलाव भी जिम्मेदार होते हैं। खासतौर पर किसी लड़की में जब 12 साल से पहले मासिक धर्म शुरू हो जाने से इसका खतरा उनमें बढ़ जाता है। इसके लिए जिम्मेदार लंबे समय तक एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के संपर्क में रहना भी होता है।
3. रेडिएशन थेरेपी
यदि कोई लड़की रेडिएशन थेरेपी से गुजरी है। खासतौर पर ब्रेस्ट के आसपास क्षेत्र से तब, इस क्षेत्र से इसका जोखिम बढ़ता है।
ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण
- यदि आपके निप्पल से खून या पीला या भूरा रंग का स्त्राव निकल रहा है, तो इसका संकेत हो सकता है।
- स्किन की त्वचा में सूजन, लालिमा या गड्ढे बनना।
- किसी भी प्रकार का ब्रेस्ट में गांठ या उभार का महसूस करना।
- ब्रेस्ट की आकार में किसी भी प्रकार की बदलाव का आना।
- निप्पल से डिस्चार्ज निकालना।
इससे बचाव के उपाय
- प्रतिदिन एक्सरसाइज करें।
- हेल्दी वेट रखें।
- संतुलित आहार के साथ-साथ फल का सेवन करें तनाव मुक्त रहें।
- धूम्रपान के सेवन से परहेज करें।
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