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Can Too Much Stress Cause Late Periods
महिलाओं की जीवनशैली और स्वास्थ्य पर तनाव का गहरा असर पड़ता है। खासतौर पर मासिक धर्म यानी पीरियड्स से जुड़े बदलावों में तनाव एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कई महिलाएं इस बात को लेकर चिंतित रहती हैं कि क्या ज्यादा टेंशन लेने से उनके पीरियड्स लेट हो सकते हैं? इस आर्टिकल में हम इस सवाल का वैज्ञानिक और व्यावहारिक जवाब देने की कोशिश करेंगे।
क्या तनाव से पीरियड्स में देरी हो सकती है?
हां, ज्यादा तनाव लेने से पीरियड्स में देरी हो सकती है। इसका कारण हमारे शरीर का हॉर्मोनल बैलेंस है। जब हम अत्यधिक तनाव में होते हैं, तो हमारा शरीर कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ा देता है। यह हॉर्मोन हमारे हाइपोथैलेमस पर असर डालता है, जो मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने का काम करता है।
हाइपोथैलेमस से संकेत मिलने के बाद पिट्यूटरी ग्लैंड और अंडाशय (ovaries) मिलकर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन का संतुलन बनाए रखते हैं। लेकिन जब तनाव बहुत अधिक हो जाता है, तो यह प्रक्रिया बाधित हो सकती है, जिससे पीरियड्स लेट या मिस हो सकते हैं।
तनाव के कारण पीरियड्स अनियमित होने के लक्षण
अगर आपका मासिक धर्म तनाव के कारण प्रभावित हो रहा है, तो कुछ लक्षण देखने को मिल सकते हैं:
- पीरियड्स की डेट हर महीने बदलना
- फ्लो बहुत हल्का या बहुत भारी होना
- पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द या ऐंठन महसूस होना
- पीरियड्स बिल्कुल मिस हो जाना (अमेंनोरिया)
अगर आपको बार-बार पीरियड्स में देरी हो रही है, तो यह तनाव के अलावा किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है।
तनाव से होने वाले हार्मोनल बदलाव और अन्य प्रभाव
डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स – अधिक तनाव से अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
स्लीप डिसऑर्डर – नींद की कमी से शरीर और ज्यादा तनाव में आ सकता है, जिससे पीरियड्स और अधिक अनियमित हो सकते हैं।
वजन में उतार-चढ़ाव – कुछ महिलाएं तनाव में वजन बढ़ा लेती हैं, जबकि कुछ का वजन तेजी से कम हो जाता है। दोनों ही स्थितियां मासिक धर्म को प्रभावित कर सकती हैं।
तनाव को कम करके पीरियड्स को रेगुलर कैसे करें?
अगर आप चाहती हैं कि आपके पीरियड्स नियमित रहें, तो आपको तनाव को मैनेज करने पर ध्यान देना होगा।
1. मेडिटेशन और योग
- रोजाना कम से कम 10-15 मिनट का मेडिटेशन करने से दिमाग शांत रहता है।
- योग और हल्की एक्सरसाइज से हॉर्मोनल बैलेंस बना रहता है और पीरियड्स समय पर आते हैं।
2. हेल्दी डाइट अपनाएं
- हरी सब्जियां, फल, नट्स और होल ग्रेन्स को डाइट में शामिल करें।
- कैफीन और प्रोसेस्ड फूड से बचें, क्योंकि ये शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ा सकते हैं।
3. अच्छी नींद लें
- रोजाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लेने से हॉर्मोनल संतुलन बना रहता है।
- सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें और रिलैक्सिंग एक्टिविटीज करें।
4. तनाव को पहचानें और कम करें
- अपने तनाव के कारणों को पहचानें और उन्हें हल करने की कोशिश करें।
- अगर काम या निजी जीवन से जुड़ा तनाव ज्यादा बढ़ रहा है, तो किसी मनोवैज्ञानिक या थेरेपिस्ट से बात करने में संकोच न करें।
कब डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए?
अगर आपके पीरियड्स बार-बार एक महीने से ज्यादा देर से आ रहे हैं या तीन महीने से ज्यादा समय से मिस हो रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इसके अलावा, अगर आपको निम्नलिखित समस्याएं हो रही हैं, तो भी मेडिकल सलाह जरूरी है:
- अत्यधिक पेट दर्द या ऐंठन
- बहुत भारी या बहुत हल्का ब्लीडिंग
- पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग
- अनियंत्रित वजन बढ़ना या घटना
डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री और कुछ टेस्ट्स के जरिए समस्या की सही वजह का पता लगा सकते हैं और उचित इलाज बता सकते हैं।