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Does Birth Control Cause Period Delay: गर्भनिरोधक गोलियां महिलाओं में अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, लेकिन इनके इस्तेमाल से कई बार मासिक धर्म यानी पीरियड्स में बदलाव देखने को मिलते हैं। कुछ महिलाओं को पीरियड्स में देरी, कम ब्लीडिंग या कभी-कभी पूरी तरह से पीरियड्स गायब होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह स्थिति सामान्य है या चिंता की बात हो सकती है? इस लेख में हम इसे विस्तार से समझेंगे।
गर्भनिरोधक गोलियां पीरियड्स को कैसे प्रभावित करती हैं?
गर्भनिरोधक गोलियां शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स के स्तर को नियंत्रित करती हैं, जिससे ओव्यूलेशन रुक जाता है और प्रेग्नेंसी नहीं हो पाती। यही हार्मोनल बदलाव यूटेरस की लाइनिंग को भी पतला कर सकते हैं, जिससे पीरियड्स में बदलाव देखने को मिलता है। जब महिलाएं पहली बार बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना शुरू करती हैं, तो उनके शरीर को इस नई हार्मोनल स्थिति के अनुकूल होने में कुछ समय लग सकता है, जिससे शुरुआती कुछ महीनों में पीरियड्स लेट हो सकते हैं या पूरी तरह से गायब हो सकते हैं।
क्या गर्भनिरोधक गोलियों से पीरियड्स का लेट होना सामान्य है?
अधिकतर मामलों में, गर्भनिरोधक गोलियों से पीरियड्स में देरी होना कोई गंभीर समस्या नहीं होती। यह पूरी तरह से हार्मोनल बदलावों के कारण होता है और धीरे-धीरे शरीर इसका आदी हो जाता है। कुछ महिलाओं को हल्के पीरियड्स आते हैं, जबकि कुछ को कुछ महीनों तक ब्लीडिंग नहीं होती। मिनी पिल्स (जो केवल प्रोजेस्टेरोन वाली होती हैं) लेने से भी पीरियड्स गायब हो सकते हैं। यह शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है और चिंता करने की जरूरत नहीं होती।
कब चिंता करनी चाहिए?
हालांकि, अगर पीरियड्स लगातार दो महीने से ज्यादा मिस हो रहे हैं या अचानक बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। इसके अलावा, यदि आपको प्रेग्नेंसी के लक्षण जैसे मिचली आना, चक्कर आना, या थकान महसूस हो रही है, तो यह भी जांच करवाना सही रहेगा। अगर आपने बर्थ कंट्रोल पिल्स लेना अचानक बंद कर दिया है, तो शरीर को हार्मोनल संतुलन वापस लाने में समय लग सकता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
पीरियड्स को रेगुलर करने के लिए क्या करें?
अगर आप चाहती हैं कि बर्थ कंट्रोल पिल्स के कारण आपके पीरियड्स अधिक प्रभावित न हों, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, गोलियां रोजाना एक ही समय पर लें ताकि हार्मोनल संतुलन बना रहे। हेल्दी डाइट का पालन करें, जिसमें हरी सब्जियां, प्रोटीन और फल शामिल हों, और जंक फूड से बचें। तनाव भी हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है, इसलिए योग, मेडिटेशन और नियमित एक्सरसाइज करें।