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Sex Education: क्या G-Spot सच में होता है? आइये जानें इसका सच

आपके पार्टनर ने भी हमेशा आश्चर्य किया होगा कि आखिर यह जी-स्पॉट मिलता क्यों नहीं है और कैसे जी- स्पॉट मिलने पर ऑर्गेज्म बढ़िया कर सकता हूं। आज हम इस टॉपिक के ऊपर ही बात करेंगे और जानेंगे जी स्पॉट की पूरी कहानी-

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Rajveer Kaur
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G-spot

(Image Credit: GoodRx)

Does G-Spot Really Exist: हम सब के दिमाग में हमेशा यह सवाल रहता है कि जी स्पॉट क्या होता है, यह कहां पर होता है और हमें क्यों नहीं मिलता। आपके पार्टनर ने भी हमेशा आश्चर्य किया होगा कि आखिर यह जी-स्पॉट मिलता क्यों नहीं है और कैसे जी- स्पॉट मिलने पर ऑर्गेज्म बढ़िया कर सकता हूं। आज हम इस टॉपिक के ऊपर ही बात करेंगे और जानेंगे जी स्पॉट की पूरी कहानी-

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Sex Education: क्या G-Spot सच में होता है? आइये जानें इसका सच

जी-स्पॉट को जर्मन की बहुत फेमस गाइनेकोलॉजिस्ट अर्न्स्ट ग्राफेनबर्ग ने फाउंड किया था। उन्होंने इसके बारे में कुछ बातें कहीं थी। जी-स्पॉट वजाइना की पूर्वकाल की दीवार पर स्थित होता है। आपका वजाइना कैनल की तरह होता है और सिटमुलेशन के दौरान पेनिस अंदर जाता है। उसके सामने वाली वॉल पर एक स्पॉट होता है जिसे जी-स्पॉट कहा जाता है। जब उस स्पॉट में arouse होता है तब महिलाएं क्लाइमैक्स और प्लेजर फील करती हैं।

G-Spot जैसा कुछ नहीं: रिसर्च

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सालों इस टॉपिक के बारे में टॉक, मैगज़ीन और आर्टिकल्स में बात हुई लेकिन रिसर्च बताती है कि जी-स्पॉट जैसा कुछ भी नहीं होता है। अगर आपने भी अभी तक जी-स्पॉट नहीं ढूँढा है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि जी स्पॉट जैसा कुछ भी नहीं होता है। ऐसे पॉइंट जरूर होते हैं जो प्लेजर देते हैं और हर महिला में अलग होते हैं। हम सब क्लिटोरिस को मटर के दाने के आकार जितना समझते हैं लेकिन यह ऐसा होता नहीं है। कुछ लोगों में यह चार इंच लंबा भी हो सकता है। इसे ऊपर से हम छोटा मटर के आकार जितना देख पाते हैं लेकिन अंदर एक पूरी जड़ होती है, जो दो बल्बों के बीच विभाजित होती है और आपकी एंटीरियर वेजाइनल वॉल में पाई जाती है।

G-spot कोई खास चीज, टिशु या अंग नहीं

जब पेनिट्रेटेड या किसी भी तरह के सेक्स के दौरान यह स्टिम्युलेटेड होती है इससे ऑर्गेज्म और प्लेजर फील होता है। सिंपल लैंग्वेज में इसे ही जी स्पॉट कह दिया जाता है। ऐसी कोई भी विशेष चीज, टिशु या अंग नहीं होता है जिसे जी स्पॉट कहा जा सकें। ऐसे बहुत सारे नर्व एंडिग और अलग-अलग प्लेजर स्पॉट हो सकते हैं। कुछ लोग सिर्फ कान के स्टिम्युलेट होने पर ही ऑन हो जाते हैं। कुछ लोगों को किस पसंद होती है और किसी और को गले मिलना अच्छा लग सकता है। इसमें कोई भी छुपा हुआ राज या खजाना नहीं है। 

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