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Get relief from anxiety by following these tips: आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में स्ट्रेस और टेंशन का होना आम बात हो गया है, लेकिन जब एंजाइटी हद से ज़्यादा बढ़ जाती है तो ये हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर बुरा असर डाल सकती है। एंजाइटी एक ऐसी भावना है जो तब महसूस होती है जब हम डर, घबराहट या असमंजस से घिर जाते हैं। यह छोटी-छोटी बातों से शुरू होकर बड़े मानसिक दबाव में बदल सकती है अगर समय रहते इसका समाधान न किया जाए। थोड़े-से लाइफस्टाइल बदलाव, सोचने के तरीके में सुधार और कुछ नैचुरल उपायों से आप खुद को शांत, स्थिर और सकारात्मक महसूस कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कुछ आसान लेकिन असरदार तरीकों के बारे में, जिनसे एंजाइटी को दूर किया जा सकता है और ज़िंदगी में सुकून वापस लाया जा सकता है।
एंजाइटी को दूर करने के आसान तरीके अपने पाएं इससे छुटकारा
1. माइंडफुलनेस
एंजाइटी का मुख्य कारण होता है चिंता। ये किसी भी चीज़ की चिंता से संबंधित हो सकता है जैसे कि भविष्य की चिंता, पढ़ाई की चिंता, पास्ट का डर। और इन सबको कम करने में मदद करता है माइंडफुलनेस जिसका मतलब होता है वर्तमान समय में प्रेजेंट रहना और खुल के जीना। इसमें न पास्ट का डर होता है न भविष्य की चिंता शामिल होती है। किसी जगह पर शांत बैठें और धीरे धीरे सांस लें आंखे बंद करके।
2. योगा और मेडिटेशन
जब भी किसी प्रकार का तनाव महसूस हो या भरी लगे तब मेडिटेशन ट्राई करना चाहिए। हमेशा ज़रूरी नहीं कि आप सफल हों पर थोड़ी थोड़ी कोशिश करके आप अपने दिमाग़ को शांत कर सकते हैं और अपने सोचने पर नियंत्रण ला सकते हैं। शुरुआत करें सुबह जल्दी उठने से। उठकर बाहर टहलने जाएं योगा करें फिर मेडिटेशन करें एक जगह पर बैठकें ध्यान लगाकर। अंत में प्राणायाम ज़रूर करें जिससे आपके दिमाग़ तक सही ढंग से ऑक्सीजन पहुंचे।
3. पूरी नींद लेना
अक्सर हम काम में इतने बिजी हो जाते हैं कि हमें अपने स्वास्थ का भी ख्याल नहीं रहता। लाइफस्टाइल के बदलाव और काम की भागदौड़ में कहीं न कहीं नींद पर असर पड़ता है जिसका सीधा संबंध हमारे दिमाग़ से है। अगर हमारी नींद पूरी नहीं होती है तो हमे पूरे दिन चिढ़ चिड़ा महसूस होता है और काम करने की क्षमता कम हो जाती है। इसीलिए रोज़ाना 7 से 8 घंटे की नींद लें।
4. डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें
जब भी हमे घबराहट होती है या डर लगता है तब हमारी सांसे तेज चलने लगती हैं जिसके कारण हमारे शरीर में तनाव बढ़ जाता है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी से सर दर्द भी हो सकता है इसीलिए डीप ब्रीदिंग ज़रूरी है। सुबह जल्दी उठकर ठंडी हवा में गहरी सांस लें, इससे ताज़ी हवा शरीर में जाएगी जिससे सारी इन्द्रियां खुल जाएंगी। गहरी सांस लेने से हमारे बॉडी में पैरासिम्पाथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव हो जाता है जो पूरे शरीर को रिलैक्स कर देता है।
5. कैफ़ीन और शुगर से दूरी बनाए
कैफ़ीन का इस्तेमाल लोग अक्सर एनर्जी के लिए करते हैं पर इससे हमारे शरीर के हार्मोंस में कई तरह के बदलाव आते हैं। इससे हमारे नर्वस सिस्टम को काम करते रहने का संकेत मिलता है जिससे हमारा शरीर थक जाता है जिससे चिंता, तनाव बढ़ता है। शक्कर का उपयोग अपने खान पान में कम करें क्योंकि इसे होती बीमारियां बढ़ती जा रही हैं जो बहुत गंभीर हैं।