एक्सपर्ट से जानिए Egg Freezing कैसे आज के युग में साइंस का वरदान है?

साइंस का एक आविष्कार, जिसे एग फ्रीजिंग कहते हैं, महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ है। इस आर्टिकल में हम एक्सपर्ट्स से जानेंगे कि कैसे एग फ्रीजिंग महिलाओं की जिंदगी में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।

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Rajveer Kaur
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Egg Freezing

Photograph: (Freepik)

How Egg Freezing Is A Revolutionary Option for Women Balancing Career and Family Planning: आज का युग काफी बदल चुका है। अब महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं, और उनकी प्राथमिकताएं भी बदल रही हैं। वे अपने शरीर पर अधिक नियंत्रण चाहती हैं। ऐसे में, महिलाएं शादी या बच्चे के बारे में जल्दबाजी नहीं करतीं। हालांकि, बायोलॉजिकल क्लॉक का ध्यान रखना भी जरूरी है। साइंस का एक आविष्कार, जिसे एग फ्रीजिंग कहते हैं, महिलाओं के लिए वरदान साबित हुआ है। इस आर्टिकल में हम एक्सपर्ट्स से जानेंगे कि कैसे एग फ्रीजिंग महिलाओं की जिंदगी में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।

एक्सपर्ट से जानिए Egg Freezing कैसे आज के युग में साइंस का वरदान है?

एग फ्रीजिंग (Oocyte Cryopreservation) क्या है?

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एग फ्रीजिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिलाएं भविष्य के लिए अपने अंडों को संरक्षित कर सकती हैं। इस प्रक्रिया में महिला के अंडों को निकालकर जमाया जाता है और भविष्य में बच्चे पैदा करने के लिए सुरक्षित रखा जाता है। यह सर्वविदित है कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के अंडों की गुणवत्ता कम होने लगती है। ऐसे में, जो महिलाएं करियर, स्वास्थ्य, या व्यक्तिगत कारणों से मां बनने में देरी करना चाहती हैं, या जिनकी प्रजनन क्षमता को कीमोथेरेपी जैसे उपचार से खतरा है, उनके लिए एग फ्रीजिंग एक बेहतरीन विकल्प है।

Infertility और IVF Expert डॉ. काबेरी बनर्जी का कहना है कि वित्तीय स्वतंत्रता हर महिला का अधिकार है। इस कारण कई महिलाएं करियर को प्राथमिकता देती हैं, जिससे फैमिली प्लानिंग में देरी हो सकती है। उनका सुझाव है कि महिलाओं को 30 की उम्र तक बच्चे के बारे में सोचना चाहिए। यदि किसी कारण फैमिली प्लानिंग में देरी हो रही है, तो एग फ्रीजिंग एक शानदार विकल्प हो सकता है। उन्होंने बताया कि उम्र का प्रेगनेंसी में बहुत बड़ा रोल है।

इसकी प्रक्रिया क्या है?

एग फ्रीजिंग की सफलता महिला की उम्र और अंडों की संख्या पर निर्भर करती है। इस प्रक्रिया में पहले 10 से 14 दिनों तक हार्मोनल इंजेक्शन लगाए जाते हैं, जिससे अंडाशय को कई अंडे बनाने के लिए उत्तेजित किया जाता है। इस दौरान अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट से अंडों के विकास की निगरानी की जाती है। इसके बाद, बेहोशी में अल्ट्रासाउंड की मदद से सुई द्वारा अंडे निकाले जाते हैं। अंडों को विट्रिफिकेशन तकनीक से तेजी से जमाया जाता है और -196°C पर तरल नाइट्रोजन में फ्रीज किया जाता है। इस प्रक्रिया में 35 वर्ष से कम उम्र में बेहतर परिणाम मिलते हैं। 

क्या एग फ्रीजिंग के महिलाओं को कोई नुकसान हो सकते हैं?

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यह सवाल कई महिलाओं के मन में होता है कि क्या एग फ्रीजिंग के कोई नुकसान हैं। सबसे पहले, एग फ्रीजिंग महंगा हो सकता है, क्योंकि कई इंश्योरेंस प्लान इसे कवर नहीं करते। इसमें अंडों को स्टोर करने की लागत और आईवीएफ की प्रक्रिया शामिल होती है। साथ ही, यह अनिश्चितता रहती है कि एक महिला कितने समय तक अंडों का उपयोग कर पाएगी। एग फ्रीजिंग के दुष्प्रभावों की बात करें तो, अंडा निकालने की प्रक्रिया के बाद महिलाओं को ऐंठन, सूजन, या हल्की रक्तस्राव (स्पॉटिंग) हो सकता है। इसके अलावा, मूड स्विंग्स, वजन बढ़ना, और सिरदर्द जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।