How To Handle Changes After Menopause?: मेनोपॉज महिलाओं की जिंदगी का वह समय है जब महिलाओं की ओवरी रिप्रोडक्टिव हार्मोन प्रोड्यूस करना कम कर देती है और धीरे-धीरे लगभग बंद कर देती है। फिर उनके पीरियड्स भी बंद हो जाते हैं। महिलाओं में मेनोपॉज लगभग 52 साल की उम्र में आता है। मेनोपॉज के आने से पहले, उसके दौरान और बाद महिलाओं में बहुत से बदलाव देखने को मिलते हैं। जो की शारीरिक और मानसिक दोनों होते हैं। ऐसे में बदलाव को कैसे हैंडल किया जा सकता है? आईए जानते हैं कुछ ऐसे ही उपाय।
मेनोपॉज में होने वाले बदलाव को कैसे करें हैंडल
1. मेडिटेशन
मेनोपॉज के दौरान मानसिक तनाव काफी अधिक देखा जाता है। इसके लक्षण आइसोलेशन, चिड़चिड़ापन हो सकते हैं जो कि आगे चलकर डिप्रेशन का भी रूप ले सकता है। ऐसे में मानसिक तनाव को दूर रखने के लिए मेडिटेशन बहुत लाभदायक होता है।
2. एक्सरसाइज
ओवरवेट होने के कारण महिलाओं के लिए मेनोपॉज में समस्याएं बढ़ सकती हैं इसीलिए अपने वेट को मेंटेन करना बहुत जरूरी है। जिसके लिए एक्सरसाइज आवश्यक है। अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज को इंक्लूड करें लाइट स्ट्रेचिंग भी लाभदायक है।
3. हेल्दी डाइट
मेनोपॉज के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव खानपान में कमी के कारण भी हो सकते हैं। यह जरूरी है कि मेनोपॉज से गुज़र रही महिलाएं अपना अधिक ध्यान रखें। अपने डाइट में ड्राई फ्रूट्स, हरी सब्जियां, डेयरी प्रॉडक्ट्स और फ्रूट्स को इंक्लूड करें।
4. कम स्पाइसी
बॉडी में होने वाले हार्मोनल चेंजेस की वजह से मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में हिट फ्लैशेस देखने को मिलते हैं। ऐसे में स्पाइसी खाना हानिकारक हो सकता है। लाइट, कम मसाले वाला और कम स्पाइसी फूड का सेवन करें। जिससे कि डाइजेशन भी ठीक बना रहता है।
5. अपने कंफर्टेबल ज़ोन में रहें
अक्सर देखा जाता है कि मेनोपॉज के दौरान महिलाएं काफी अनकंफर्टेबल, चिड़चिड़ा महसूस करती है। यह लक्षण अक्सर लोग व्यवहार समझ लेते हैं पर कई बार या हार्मोनल चेंजेस की वजह से ही होता है। ऐसे में महिलाओं को अपने कंफर्टेबल ज़ोन में रहना चाहिए और खुद की एक्स्ट्रा केयर करनी चाहिए।
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