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जानें प्रेगनेंसी में योग का महत्व

प्रेगनेंसी एक ऐसा समय होता है जब महिला का शरीर और मानसिक स्थिति कई बदलावों से गुजरती है। इस दौरान शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखना, मानसिक शांति और शारीरिक मजबूती बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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Priyanka upreti
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Pregnancy Talk

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Importance of yoga during pregnancyप्रेगनेंसी एक ऐसा समय होता है जब महिला का शरीर और मानसिक स्थिति कई बदलावों से गुजरती है। इस दौरान शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखना, मानसिक शांति और शारीरिक मजबूती बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। योग एक ऐसा अभ्यास है जो प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर और मानसिक स्थिति को संतुलित करने में मदद करता है। 

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प्रेगनेंसी में योग का महत्व 

1. शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं, जैसे वजन बढ़ना, हॉर्मोनल बदलाव, और शारीरिक तनाव। योग इन सभी बदलावों को संतुलित करने में मदद करता है। विशेष रूप से प्रेगनेंसी के दौरान हल्के योग आसनों से शरीर की लचीलापन, ताकत और सहनशक्ति बढ़ती है। यह मांसपेशियों को मजबूत करने और पीठ, कमर और पैरों के दर्द को कम करने में मदद करता है। कुछ आसन जैसे "भुजंगासन", "सेतु बंधासन" और "वीरभद्रासन" प्रेगनेंसी के दौरान राहत प्रदान करते हैं।

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2. मानसिक शांति और तनाव कम करना

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई मानसिक बदलावों का सामना करना पड़ता है, जिनमें चिंता, अवसाद और तनाव शामिल हैं। योग ध्यान और श्वास तकनीकों के माध्यम से मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। प्राणायाम और ध्यान की प्रक्रिया तनाव को कम करने, मूड को बेहतर बनाने और मानसिक स्थिति को स्थिर रखने में प्रभावी होती है। यह महिला को खुद को अधिक समझने और शांति का अनुभव करने में मदद करता है।

3. सकारात्मक सोच और ऊर्जा

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योग का अभ्यास सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान बेहद महत्वपूर्ण होता है। जब महिला शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहती है, तो वह अपनी प्रेगनेंसी के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाती है। योग के द्वारा शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे महिला को अधिक ऊर्जा मिलती है और वह अपने रोज़मर्रा के कार्यों को बेहतर तरीके से कर सकती है।

4. सौम्य प्रसव में सहायता

प्रेगनेंसी के दौरान योग का अभ्यास प्रसव प्रक्रिया को भी आसान बना सकता है। योग के कुछ विशेष आसन, जैसे "नदी आसन" और "उत्तानासन", महिलाओं को प्रसव के दौरान शारीरिक लचीलापन प्रदान करते हैं और सही श्वास तकनीकों का अभ्यास भी कराया जाता है, जो प्रसव के दौरान सहायक हो सकते हैं। सही श्वास नियंत्रण और शारीरिक लचीलापन महिलाओं को प्रसव के समय की कठिनाइयों से निपटने में मदद करते हैं।

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5. पेट और श्रोणि की मांसपेशियों को मजबूत करना

प्रेगनेंसी के दौरान योग श्रोणि और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। यह विशेष रूप से शारीरिक रूप से तैयार करने में मदद करता है, जिससे महिला प्रसव के समय बेहतर तरीके से अपनी मांसपेशियों का उपयोग कर सकती है। कुछ आसन जैसे "दीर्घ श्वास" और "दीर्घ कपालभाति" पेट की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और श्रोणि की संरचना को बेहतर बनाते हैं।

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