गिगैंटोमास्टिक ऐसी दुर्लभ परिस्थिति है जिसमें आपका ब्रेस्ट साइज अचानक बहुत गति से बढ़ने लगता है। कुछ शोधकर्ताओं ने इसे ब्रेस्ट वृद्धि के रूप में भी परिभाषित किया है। यह कंडीशन उस केस मे अप्लाई होती है जब शरीर का दो तिहाई से भी ज़्यादा वज़न आपकी ब्रेस्ट का हो।
यह कंडीशन केवल कुछ ही लोगों में पाई जाती है। आमतौर पर ब्रेस्ट का साइज कुछ वर्षों में बढ़ता है लेकिन कुछ केस में यह कुछ दिनों के अंतर्गत भी बढ़ जाता है। कंडीशन का कोई सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन यह साफ है कि इस बीमारी से कैंसर का कोई लेना देना नहीं। लेकिन ठीक समय पर इसका इलाज ना किए जाने से शरीर का यह हिस्सा अक्षम भी हो सकता है।
गिगैंटोमास्टिक के लक्षण
इस कंडीशन का मुख्य कारण ब्रेस्ट के टिशु में अत्यधिक बढ़ोतरी है। लेकिन इसके निम्नलिखित लक्षण भी हो सकते हैं।
- ब्रेस्ट में दर्द
- सिर में दर्द
- गर्दन या पीठ में दर्द
- कमर या ब्रेस्ट के आसपास चकते
- एक ब्रेस्ट के आकार का दूसरी ब्रेस्ट से बड़ा होना
- नर्वस डैमेज या कोई खेल खेलने या एक्सरसाइज में कठिनाई
इस कंडीशन में आपकी मानसिक, भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी हो सकती हैं। आपको स्ट्रेस, डिप्रेशन, चिंता, बेचैनी जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं।
गिगैंटोमास्टिक के कारण
इसका कोई सटीक कारण तो स्पष्ट नहीं है लेकिन यह अंत अंग रिसेप्टर्स की असंवेदनशीलता से होता है। कुछ महिलाओं में ब्रेस्ट का साइज अनुवांशिक रुप से बढ़ता है। तो वहीं कुछ लोगो में यह प्रेग्नेंसी, प्यूबर्टी के कारण वजन बढ़ने की वजह से भी होता है। इन प्रक्रियाओं में प्रोलेक्टिन और ऑस्ट्रोजन अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा निम्नलिखित कारण हो सकते हैं -
- प्रेगनेंसी और प्यूबर्टी
- उल्टी सीधी दवाएं
- ऑटोइम्यून कंडीशन
उपचार की विधि
इसके उपचार के लिए कई तरीके इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इस बीमारी के संकेत मिलने पर ही अगर आप डॉक्टर से सही दवाई लिखवा लेंगे तो आपको दवाई से ही आराम मिल जाएगा। लेकिन अगर स्थिति गंभीर हो जाती है और एंटीबायोटिक से काम नहीं चलता तो आपको सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
इसके लिए आपके डॉक्टर आपको सलाह देंगे। अगर यह कंडीशन आपकी प्रेग्नेंसी की वजह से है तो हो सकता है कि डिलीवरी के बाद यह अपने आप ठीक हो जाए। हालांकि ज्यादतर मामलों में सर्जरी की ज़रूरत होती है।