Insulin Resistance During PCOS: PCOS एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अंडाशय पर सिस्ट विकसित होते हैं। यह महिलाओं में हार्मोनल विकार के कारण होता है। इससे 3.7% से 22.5% महिलाएं ग्रसित रहती हैं, जो अनियमित मासिक धर्म, डायबिटीज़, बढ़ता वजन, मोटापा का कारण बनता है। साथ ही इससे पीड़ित महिलाओं में अक्सर इंसुलिन प्रतिरोध होता है। यह तब होता है, जब उनका शरीर इंसुलिन को बनाता है जो कि रक्त शर्करा को संतुलित करने में महत्वपूर्ण हार्मोन है, लेकिन इस दौरान यह प्रभावी ढंग से इसका उपयोग नहीं कर पता है। जिस कारण पीसीओएस में इंसुलिन रेजिस्टेंस का खतरा बन जाता है।
PCOS और इंसुलिन रेजिस्टेंस का संबंध
PCOS से टाइप टू डायबिटीज़ का खतरा बढ़ता है, जिस कारण पीसीओएस से पीड़ित महिला इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध प्रदर्शित करने लगती है। जब फैट, लीवर, कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति सही प्रतिक्रिया नहीं देती है, तब इंसुलिन प्रतिरोध होता है। जिस कारण ब्लड से ग्लूकोज़ आसानी से नहीं ले पता है। वहीं, अग्नाशय ग्लूकोज़ को कोशिका में प्रवेश कराने के लिए अधिक मात्रा में इंसुलिन बनाने लगता है। जिसे मैनेज करने के लिए महिलाओं को अपने खान-पान, एक्सरसाइज़, तनाव से लेकर कई चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती हैं। जिसे ध्यान देने पर हार्मोनल असंतुलन में सुधार आ सकता है।
कैसे करें इसे कंट्रोल?
1. शारीरिक गतिविधि
कोशिश करें कि प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक एरोबिक करें। साथ ही ब्रिस्क वॉक, साइकलिंग, स्विमिंग करें जिसे करने से न सिर्फ यह इंसुलिन संवेदनशीलता को ही बढ़ाती है, जबकि वजन को भी नियंत्रण रखती है।
2. हेल्दी फैट्स
इस दौरान विटामिन सी, विटामिन ए प्रतिदिन लें। इसके लिए आप नट्स, ओलिव ऑयल, राइस, ब्रान तेल में पाया जाने वाला हेल्दी फैट्स को अपने पोषक तत्वों में शामिल कर सकती हैं। साथ ही फल, क्रूसिफेरस सब्जियां, बीन्स, गोभी जैसी प्रोटीन युक्त आहार लें, ताकि इंसुलिन रेजिस्टेंस नियंत्रण बना रहें।
3. कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स को शामिल करें
इंसुलिन रेजिस्टेंस अधिक शुगर और नॉर्मल कार्बोहाइड्रेट से बिगड़ता है, इसलिए ओट्स, ब्राउन राइस, ज्वार, बाजरा जैसे कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट को अपने भोजन पदार्थ में शामिल करें। जिससे ब्लड शुगर सही बना रहेगा और इंसुलिन रेजिस्टेंस का भी खतरा कम रहेगा।
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