Women's Health: दर्दनाक पीरियड्स को नॉर्मल मानना कहां तक सही?

पीरियड्स के दौरान दर्द होना एक आम बात है, लेकिन अत्यधिक दर्द को नॉर्मल मानने की गलती करना सही नहीं है। पीरियड के दौरान अत्यधिक दर्द नॉर्मल हो यह जरूरी नहीं है इसके बारे में जानकारी करना और समय पर इलाज से गुजरना आवश्यक है।

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Priya Singh
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Photograph: (pinterest)

Is It Right to Consider Painful Periods as Normal: दर्दनाक पीरियड्स को सामान्य बनाना हमारे समाज में आम है, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। पीरियड के दौरान हल्का दर्द या असहजता सामान्य हो सकती है, लेकिन ज्यादा दर्द (डिसमेनोरिया) किसी गंभीर समस्या को और संकेत भी हो सकता है। अक्सर महिलाएं इसे अपने रुटीन का हिस्सा मानकर अनदेखा कर देती हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। आइये जानते हैं कि दर्दनाक पीरियड्स को सामान्य मानना कहां तक सही है और कब डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

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Women's Health: दर्दनाक पीरियड्स को नॉर्मल मानना कहां तक सही?

सामान्य और असामान्य दर्द में अंतर

हल्की ऐंठन या असहजता पीरियड्स के दौरान आम होती है, लेकिन अत्यधिक दर्द, उल्टी, चक्कर आना, कमजोरी या दिनभर बिस्तर पर पड़े रहने जैसी समस्याएं असामान्य हैं। अगर दर्द इतना अधिक है कि डेली के कामों को प्रभावित करता है, तो इसे सामान्य नहीं मानना चाहिए। बहुत अधिक दर्द एंडोमेट्रियोसिस, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी स्थितियों का संकेत हो सकता है, जिनका समय पर इलाज न करने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

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दर्द के पीछे के कारण

पीरियड्स में अत्यधिक दर्द के कई कारण हो सकते हैं। इनमें हार्मोनल असंतुलन, यूटरस में संकुचन, शरीर में पोषण की कमी और गर्भाशय की असामान्य स्थिति शामिल हो सकती है। एंडोमेट्रियोसिस में गर्भाशय की परत शरीर के अन्य हिस्सों में विकसित होने लगती है, जिससे असहनीय दर्द होता है। इसके अलावा फाइब्रॉइड, एडिनोमायोसिस और इन्फेक्शन भी दर्द का कारण बनते हैं। अगर पीरियड्स के दर्द के साथ ज्यादा ब्लीडिंग या अनियमित पीरियड हो रहा है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।

दर्द को सामान्य मानने के नुकसान

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कई महिलाएं और लड़कियां यह सोचकर दर्द को सहती रहती हैं कि यह उम्र के साथ ठीक हो जाएगा, लेकिन लंबे समय तक इसे अनदेखा करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। लगातार होने वाले दर्द से मानसिक तनाव, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा अगर किसी महिला को पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द हो रहा है और इसका कारण कोई गंभीर बीमारी है, तो समय पर इलाज न मिलने से प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है।

सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेना क्यों जरूरी?

अगर पीरियड्स के दौरान दर्द हर महीने बढ़ता जा रहा है, दवाओं से भी आराम नहीं मिल रहा है या अन्य लक्षण जैसे मतली, उल्टी, बेहोशी और अनियमित पीरियड्स हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आवश्यक चेकअप के माध्यम से सही कारण का पता लगा सकते हैं और उचित इलाज दे सकते हैं। हार्मोनल थेरेपी, डाइट में सुधार, योग और व्यायाम जैसी चीजें भी दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं।

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हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना है जरूरी

पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सही दिनचर्या का पालन करना जरूरी है। आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त आहार लेने से पीरियड के दर्द में कमी आ सकती है। हाइड्रेशन बनाए रखना, स्ट्रेस कम करना और सही समय पर आराम करना भी महत्वपूर्ण है। कुछ घरेलू उपाय जैसे हर्बल टी, गरम पानी की सिकाई और हल्के योगासन भी दर्द को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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