Pregnancy Issues: 30 के बाद प्रेगनेंसी में क्या दिक्कतें आ सकती हैं?

30 के बाद प्रेगनेंसी में कई दिक्कतें आ सकती हैं। इस उम्र में महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कई जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। 30 के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होने लगती है, जिससे प्रेगनेंसी की संभावना कम हो सकती है।

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Shivalika Srivastava
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Pregnancy Failure(freepik)

Photograph: (File Image )

Issues in Pregnancy after 30: 30 के बाद प्रेगनेंसी में कई दिक्कतें आ सकती हैं। इस उम्र में महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कई जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। 30 के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होने लगती है, जिससे प्रेगनेंसी की संभावना कम हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, इस उम्र में गर्भपात, समय से पहले प्रसव और गर्भस्थ शिशु के विकास में समस्याएं होने का खतरा भी अधिक होता है। इससे शिशु के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें जन्मजात समस्याएं हो सकती हैं। डाउन सिंड्रोम जैसे गुणसूत्र संबंधी विकारों का खतरा भी बढ़ सकता है।इन दिक्कतों को कम करने के लिए, 30 के बाद प्रेगनेंसी में महिलाओं को नियमित स्वास्थ्य जांच और उचित प्रसवपूर्व देखभाल करवानी चाहिए। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना भी महत्वपूर्ण है।

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30 के बाद प्रेगनेंसी में क्या दिक्कतें आ सकती हैं?

आइए जानते हैं कि 30 के बाद प्रेगनेंसी में क्या दिक्कतें आ सकती हैं 

1.प्रजनन क्षमता में कमी

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30 के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होने लगती है, जिससे प्रेगनेंसी की संभावना कम हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बढ़ सकता है।

2.उच्च रक्तचाप और मधुमेह

पेगनेंसी के दौरान उच्च रक्तचाप और मधुमेह होने का खतरा बढ़ सकता है। इससे गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

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3.गर्भपात और समय से पहले प्रसव

इस उम्र में गर्भपात और समय से पहले प्रसव का खतरा भी अधिक होता है, जिससे गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। समय से पहले प्रसव के कारण शिशु का वजन कम हो सकता है और उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

4.गुणसूत्र संबंधी विकार

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डाउन सिंड्रोम जैसे गुणसूत्र संबंधी विकारों का खतरा भी 30 के बाद प्रेगनेंसी में बढ़ सकता है। इससे शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

5.स्वास्थ्य जांच और देखभाल

इन दिक्कतों को कम करने के लिए, 30 के बाद प्रेगनेंसी में महिलाओं को नियमित स्वास्थ्य जांच और उचित प्रसवपूर्व देखभाल करवानी चाहिए। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना भी महत्वपूर्ण है।

After 30 issues Pregnancy