Keep These Things In Mind To Solve The Problem Of Sleep In PCOS: आजकल गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल के कारण कई महिलाएं पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित है। जिसके कारण महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन बढ़ने लगते हैं। इस दौरान उनके शरीर में सीमित मात्रा से ज्यादा मेल हार्मोन रिलीज होने लगता है। जिस कारण पीसीओएस में महिलाओं के शरीर में कई परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इसके चलते पीरियड साइकल अनियमित हो जाता है, फेसियल हेयर ग्रोथ होने के साथ-साथ नींद की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह आमतौर पर ओवरीज को प्रभावित करता है। जिसका असर रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर भी पड़ने लगता है।
पीसीओएस कैसे करता है नींद को प्रभावित?
इस दौरान महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन एंड्रोजन का उत्पादन बढ़ जाता है। जिसका असर नींद की गुणवत्ता पर पड़ने लगता है। पीसीओएस से ग्रस्त महिला को 6 से 8 घंटे की नींद लेनी जरूरी होती है, लेकिन इस दौरान महिलाओं में स्लीप एपनिया का खतरा बढ़ जाता है। जिससे नींद में बाधा और थकान महसूस होने लगता है। हालांकि इस दौरान नींद की गुणवत्ता में सुधार लाकर पीसीओएस को रिवर्स करने में मदद मिल सकता है और शरीर से खोई हुई एनर्जी को भी रिस्टोर करने में मदद मिलता है।
पीसीओएस में नींद की समस्या दूर करने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
1. सोने और उठने का समय करें तय
PCOS में खुद को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रखना आवश्यक होता है, क्योंकि नींद ना पूरी होने पर बॉडी हेल्थ के साथ-साथ मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हो जाती है। ऐसे में नींद ना आने के बावजूद भी नियमित रूप से सोने का प्रयास करें। इसके लिए आप सोने और उठने का समय तय कर सकती हैं, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
2. हेल्दी आहार लें
इस दौरान अपने आहार में एंटी इन्फ्लेमेटरी से युक्त फूड्स को शामिल करें ताकि पीसीओएस में नींद की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ शरीर में बढ़ने वाले मोटापे से भी राहत मिलें। भूलकर भी इस दौरान ऑयली और फराइड फूड का सेवन न करें।
3. नियमित व्यायाम
शारीरिक गतिविधि में शामिल होने से पीसीओएस में असंतुलित हुई हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद मिलता है। इससे इंसुलिन में सुधार के साथ-साथ नींद की समस्या से भी राहत मिलता है। इसलिए दिन में कम से कम 30 मिनट का रोजाना व्यायाम करें।
4. कैफीन के सेवन से बचें
पीसोओएस से पीड़ित महिलाओं को कैफीन और अल्कोहल के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से इस दौरान नींद की गुणवत्ता में कमी आने लगती है। साथ ही शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जो तनाव का भी कारण बनता है।
5. तनाव से बचें
इस दौरान खुद को तनाव से दूर रखने की कोशिश करें। PCOS में भावनात्मक और शारीरिक तनाव को कम करने के लिए गहरी सांस लेने जैसी योगा करें, जो नींद की गुणवत्ता में सुधार ला पाएं।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।