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UTIs: आइये जानते हैं यूटीआई के बारे में 6 मिथक

हैल्थ/ब्लॉग: पेशाब करते समय जलन होना, बार-बार पेशाब आना, लाल या चमकीला गुलाबी मूत्र होना या पैल्विक दर्द होना, मरीजों को ठंड लगना, ज्यादा थकान, बुखार आना, या रिबस के नीचे धड़ के किनारे में दर्द हो सकता है ये लक्षण संक्रमण मूत्राशय के हो सकते हैं।

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Priti
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Let Us Know 6 Myths About UTIs(image credit : NDTV.com)

Myths About UTIs: मूत्रपथ संक्रमण जिसे यूटीआई भी कहा जाता है। यह एक संक्रमण है जो मूत्र प्रणाली में होता है। इसमें यूरनरी ब्लेडर, उरीटर और किडनी प्रभावत होते हैं। यह संक्रमण मूत्राशय में होता है जिसे निचले मूत्र पथ के रूप में जाना जाता है। यूटीआई हमेशा लक्षणों का कारण नहीं बनता है लेकिन जब ऐसा होता है तो उनमें पेशाब करने की बार-बार क्रेविंग हो सकती है। इसमें पेशाब करते समय जलन महसूस होना, अधिक बार पेशाब आना, लाल या चमकीला गुलाबी मूत्र होना या पैल्विक दर्द होना, मरीजों को ठंड लगना, ज्यादा थकान, बुखार आना या रिबस के नीचे धड़ के किनारे में दर्द हो सकता है। ये लक्षण संक्रमण मूत्राशय से किडनी या ब्लड तक फैल जाता है।

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कौन से ऐसे 6 मिथक यूटीआई के बारे में है?

1. मिथक: केवल महिलाओं को ही यूटीआई हो सकता है

फैक्ट: यूटीआई पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है। महिलाओं में यूटीआई का खतरा अधिक होता है क्योंकि पुरुषों की तुलना में मूत्रमार्ग छोटा होता है इसलिए बैक्टीरिया के लिए मूत्राशय तक जाना आसान होता है। यूटीआई मेनोपॉज के बाद महिलाओं में अधिक पाया जाता है क्योंकि कम एस्ट्रोजन का स्तर संक्रमण के खतरे को बढ़ाने के साथ - साथ वजाइना और मूत्रमार्ग के टीश्यू को बदल देता है।

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2.मिथक: सभी यूटीआई लक्षणों का कारण बनते हैं

फैक्ट: ज्यादातर यूटीआई पेशाब करते समय दर्द या जलन जैसे लक्षणों का कारण बनते हैं। ऐसा महसूस होना कि आपको बार-बार पेशाब करने की ज़रूरत है या पेशाब करते समय जलन होना। वैसे तो मूत्र पथ में बैक्टीरिया होना संभव है लेकिन इसका यह मतलब नही है कि हर बार यूटीआई के लक्षण हों। इसे एसिम्प्टोमैटिक बैक्टीरियूरिया भी कहा जाता है और यह बूढ़े एडल्टस या उन लोगों में अधिक पाया जाता है।

3. मिथक: यूटीआई अपने आप ठीक हो जाएगा

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फैक्ट: एसिम्प्टोमैटिक बैक्टीरियूरिया जो बिना लक्षणों वाला यूटीआई है इलाज के बिना ठीक हो सकता है। पर लक्षण वाले यूटीआई शायद ही कभी अपने आप ठीक हो जाते हैं। यदि आपको जलन, दर्द महसूस होता है इसका यह मतलाब आप यूटीआई लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं।

4. सभी यूटीआई का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से होता है

फैक्ट: सभी यूटीआई के लिए एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता नहीं होती है। कुछ लोगों के मूत्राशय में बैक्टीरिया हो सकते हैं लेकिन कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। इसे एसिम्प्टोमैटिक बैक्टीरियूरिया कहा जाता है। ज्यादातर मामलों में कोई रेमेडी की आवश्यक नहीं होती है क्योंकि बैक्टीरिया कोई मामलों में समस्या पैदा नहीं करती है। लेकिन कुछ मामलो में ट्रीटमेंट जरूरी है जैसे कि गर्भवती महिलाएं, नियोजित मूत्र संबंधी सर्जरी (elective urological surgery) वाले लोग और कमजोर डिफेंस सिस्टम वाले लोग। यूटीआई के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग तब किया जाता है जब व्यक्ति दर्दनाक या परेशान करने वाले लक्षणों और मूत्र में मौजूद बैक्टीरिया का अनुभव कर रहा हो।

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5. मिथक: यूटीआई आपके साथी को हो सकता है

फैक्ट: यूटीआई संक्रामक सेक्स या केसुअल शारीरिक संपर्क बनाने से पार्टनर्स के बीच यूटीआई संक्रामक दिख सकते हैं ऐसा लोगो ने माना है पर यह सच नही है। संक्रमण का खतरा किसी भी कारण से हो सकता है। 

6. मिथक: यूटीआई यौन संचारित संक्रमण है

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फैक्ट: सेक्सुअल एक्टिविटी इसके जोखिम को बढ़ा सकती है लेकिन यह यूटीआई का कारण नहीं बनती है। संभोग की क्रिया के कारण बैक्टीरिया मूत्रमार्ग के करीब या उसमें प्रवेश कर सकते हैं( छोटी नली जो आपके मूत्राशय को खाली करती है)। संक्रमण का कारण बनने से पहले कुछ बैक्टीरिया को हटाने के लिए संभोग के बाद पेशाब करके अपने जोखिम को कम करें। यदि आपको लगता है कि आपको यूटीआई है तो डॉक्टर की सलाह लें।

चेतावनी: प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।

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