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Kink: आखिर क्या है यह टर्म? पार्टनर में कंसेंट का होना जरुरी

किंक एक ऐसी टर्म जो सेक्स को सिर्फ़ पीनस और वजाइना तक सीमित नहीं रखती है। यह इंटिमेट प्रॉसेस को मज़ेदार और पेन्फ़ल बनाती है। इसमें कपल अपनी फंटीसेस को पूरा करते है। इसके लिए कन्सेंट का होना बहुत ज़रूरी। 

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Rajveer Kaur
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kink (Eventbrite)

kink (Image Credit: Eventbrite)

Meaning Of Term Kink: हमारे देश में सेक्स एजुकेशन पर आज भी लोग शर्म मान जाते है लेकिन। रेप होने पर नहीं। आज भी बहुत सारी जगहों पर पीरियड एक टेबू टॉपिक है। सेक्स के बारे में खुलकर बात नहीं हो सकती लेकिन पर्दे के पीछे हम सारी हद्दें पर कर देते है। आज का विषय काफ़ी हटके है और शायद बहुत कम लोग इसके बारे में जानते होंगे। क्या आप ने कभी किंक के बारे में सुना है? अगर नहीं तो आज इसके बारे में बात होगी।

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Kink: आखिर क्या है यह टर्म? महिलाएं कैसे करें इसका इस्तेमाल 

किंक क्या होता है?

किंक एक ऐसी टर्म जो सेक्स को सिर्फ़ पीनस और वजाइना तक सीमित नहीं रखती है। यह इंटिमेट प्रॉसेस को मज़ेदार और पेन्फ़ल बनाती है। इसमें कपल अपनी फंटीसेस को पूरा करते है। इससे आप अपनी सेक्स लाइफ़ को चर्मसुख की नई ऊँचाइयाँ तक लेकर जा सकते है लेकर इसके लिए कन्सेंट का होना बहुत ज़रूरी। 

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किंक कितने प्रकार होती है?

किंक कोई छोटा टॉपिक नहीं है। यह एक ब्रॉड टॉपिक है जो हर व्यक्ति की फ़ैंटसीज़,लिमिट और एक्सप्लोरेशन पर निर्भर करता है। जितना आप इसके बारे में जानते जाओगे उतना ही इसके बारे में ओपन होते जाओगे। इसमें कई तरह की गेम्ज़ शामिल है जैसे एनल ट्रेनिंग, ब्लैक शीट पार्टी, फिग्गिंग, गोल्डन शॉवर, हार्ड लिमिट आदि।  

कन्सेंट का कितना महत्व है?

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इस प्रॉसेस में सहमति का बहुत बड़ा रोल है क्यूँकि कई बार ऐसी भी कोई ऐक्टिविटी हो सकती है जिसमें दूसरा व्यक्ति असहज या फिर उसे वो चीज़ ना पसंद ना हो। अपने मज़े के लिए दूसरों की सीमा पर जाना या फिर उन्हें असहज करना बिल्कुल भी सही नहीं है। इसलिए हर पल और सीन पर पार्ट्नर से पूछे कि क्या वो आगे जाना चाहता है? कन्सेंट के समय इन चीजों का ध्यान रखें

  • पार्ट्नर से सभी चीजों के बारे में बातचीत कीजिए और उन्हें अपनी इच्छाओं के बारे में बताएँ। इससे उन्हें आपके बारे में जानने का मौक़ा मिलेगा। किसी भी बात को छुपा कर मत रखें।
  • उनके बारे में पूछे। उनकी लिमिट और फेंटसीस क्या है?  दोनों जिन चीजों पर सहज है उस पर राज़ी हो जाए।
  • सेक्शूअल ऐक्टिविटी के दौरान भी कन्सेंट लेते रहे कहीं पर कुछ असहज या लिमिट के बाहर हो सकता है।
  • इस प्रॉसेस को एक बार मत करें। पार्ट्नर की चॉइस, लिमिट और डिज़ाइअर बदलती रहती है इसलिए इसके बारे में बार बार बात करते रहे। 
  • अपनी बातचीत को ज़्यादा ओपन रखें इससे दोनों में कोई भी चीज़ छुपी नही रहेगी आप सब चीज़ के बारे में एक दूसरे को बताएँगे।
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