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Menstrual Cup: मेंस्ट्रुअल कप से जुड़े हैं कई फायदे

ब्लॉग | हैल्थ: मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो रोज मेंस्ट्रुअल कप का इस्तमाल करते हैं। शुरूआत में आप बहुत सतर्क महसूस करेंगे, लेकिन जल्द ही आपको इस्की आदत हो जाएगी।

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Sonali
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Menstrual Cup

मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल चिंता का विषय नहीं है

Menstrual Cup: मेंस्ट्रुअल कप सिलिकॉन या लेटेक्स से निर्मित कप के आकार का एक उपकरण है जिसका इस्तेमाल पीरियड के दौरान किया जाता है। इसे योनि में लगाया जाता है जिससे माहवारी के दौरान निकलने वाले खून को इस कप में इकठ्ठा किया जा सके। ये कप अलग-अलग साइज़ में आते हैं। आपको अपनी योनि और सर्विक्स के माप के अनुसार ही सही कप का चुनाव करना चाहिए।

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यह एक सामान्य नियम है कि किसी भी कार्य का पहला चरण मुश्किल होता है। यही बात मेंस्ट्रुअल कप के उपयोग के साथ भी होती है। मेंस्ट्रुअल कप के इस्तेमाल के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो रोज मेंस्ट्रुअल कप का इस्तमाल करते हैं। शुरूआत में आप बहुत सतर्क महसूस करेंगे, लेकिन जल्द ही आपको इस्की आदत हो जाएगी। आप मेंस्ट्रुअल कप की तुलना टैम्पोन और पैड से भी कर सकते हैं। पीरियड्स की बात आते ही सैनिटरी पैड और टैम्पोन दिमाग में घूमने लगते हैं। ज्यादा फ्लो है तो पैड बदलने का टेंशन, दाग लग जाने का टेंशन। ऊपर से पैड्स खत्म हो जाने पर बार-बार मार्केट जाने का अलग टेंशन। हर महीने इसका एक अलग ही बजट बनाकर चलना पड़ता है। लेकिन अब बाजार में मेंस्ट्रुअल कप के रूप में हर महीने के इस खर्चे से बचने का एक हाइजीनिक तरीका मौजूद है।

मेंस्ट्रुअल कप के क्या फायदे हैं

जानिए मेंस्ट्रुअल कप के 5 फायदे :-

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1. पीरियड्स के दौरान हैवी फ्लो के लिए आपको मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करना चाहिए। यह पैड और टैम्पोन के मुकाबले ज्यादा ब्लड होल्ड करने में मदद करता है। इसलिए पीरियड्स के लिए यह एकदम बेस्ट हाइजीन प्रोडक्ट है।

2. सैनिटरी पैड को बार-बार सेट करना पड़ता है, लेकिन मेंस्ट्रुअल कप को नहीं। सैनिटरी पैड और टैम्पोन में लगा ब्लड लंबे समय तक वैजाइना के आस-पास लगा रहता है। लेकिन कप लगाने के बाद ऐसा नहीं होता। इसमें ब्लड इकट्ठा होता रहता है। जिसकी वजह से आपको कभी भी टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम नहीं हो सकता। यह एक रेयर बैक्टीरियल बीमारी है, जो लंबे समय तक गीले नैपकिन और टैम्पोन को लगाए रखने या इस्तेमाल करने से होती है।

3. मेंस्ट्रुअल कप बाहर निकलने से पहले ही ब्लड को अपने अंदर ले लेता है, जिसकी वजह से किसी तरह की महक या बदबू बाहर नहीं आ पाती है।

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4. किसी तरह का इंफेक्शन न हो इसके लिए आपको पीरियड्स के दौरान हर 6 घंटे में पैड बदलना चाहिए। कम से कम दिन में 3 बार पैड बदलने की सलाह दी जाती है। ऐसे में मेंस्ट्रुअल कप बेहद फायदेमंद होता है क्योंकि आप इसका उपयोग कई बार कर सकती हैं।

5. इससे इंफेक्शन होने का खतरा कम होता है। यह सिलिकॉन से बनता है, जबकि सैनिटरी पैड बनाने के लिए कुछ केमिकल का भी इस्तेमाल होता है।

चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।

Menstrual cup मेंस्ट्रुअल कप पैड टैम्पोन
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