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Periods Awareness: पीरियड्स को लेकर फैली गलतफहमियाँ: जागरूकता क्यों है ज़रूरी?

पीरियड्स प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन गलतफहमियों के कारण महिलाओं को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जागरूकता ज़रूरी है। आइए जानें पीरियड्स को लेकर फैली गलतफहमियाँ

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Priyanka
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Misconceptions about periods and Why is awareness important: मासिक धर्म यानी पीरियड्स महिलाओं के जीवन का एक प्राकृतिक और महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो महिलाओं के शरीर को प्रजनन के लिए तैयार करती है। लेकिन आज भी समाज में पीरियड्स को लेकर कई गलतफहमियाँ और मिथक फैले हुए हैं। इन गलतफहमियों के कारण महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए, पीरियड्स के बारे में जागरूकता फैलाना बेहद ज़रूरी है।

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पीरियड्स को लेकर फैली गलतफहमियाँ: जागरूकता क्यों है ज़रूरी?

पीरियड्स गंदे होते हैं

एक बड़ी गलतफहमी यह है कि पीरियड्स को गंदा और शर्मनाक माना जाता है। यह धारणा पूरी तरह से गलत है। पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो महिलाओं के शरीर का हिस्सा है। इसे गंदा या शर्मनाक मानना महिलाओं के प्रति अन्याय है।

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पीरियड्स के दौरान महिलाएं अशुद्ध होती हैं

कई समाजों में यह मान्यता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं अशुद्ध होती हैं और उन्हें धार्मिक कार्यों या रसोई में जाने की अनुमति नहीं दी जाती। यह धारणा वैज्ञानिक तथ्यों से परे है और महिलाओं को समाज में हीन दृष्टि से देखने का कारण बनती है।

पीरियड्स के दौरान व्यायाम नहीं करना चाहिए

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कुछ लोग मानते हैं कि पीरियड्स के दौरान व्यायाम करना हानिकारक हो सकता है। लेकिन वास्तव में, हल्का व्यायाम जैसे योग या वॉक करने से दर्द और तनाव कम हो सकता है।

पीरियड्स के बारे में खुलकर बात नहीं करनी चाहिए

समाज में पीरियड्स को एक टैबू माना जाता है और इसके बारे में खुलकर बात करने से बचा जाता है। इस वजह से कई लड़कियों और महिलाओं को सही जानकारी नहीं मिल पाती और वे गलत धारणाओं का शिकार हो जाती हैं।

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स्वास्थ्य संबंधी जानकारी

पीरियड्स के बारे में जागरूकता महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाती है। यह समझना ज़रूरी है कि पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द, अनियमितता या अन्य समस्याएं किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती हैं। जागरूकता से महिलाएं समय पर डॉक्टर से परामर्श ले सकती हैं।

मानसिक स्वास्थ्य

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पीरियड्स को लेकर फैली गलतफहमियों के कारण महिलाएं अक्सर शर्म और हीनभावना का शिकार होती हैं। जागरूकता से उन्हें आत्मविश्वास मिलता है और वे इस प्राकृतिक प्रक्रिया को सहजता से स्वीकार कर पाती हैं।

समाज में बदलाव

पीरियड्स के बारे में जागरूकता फैलाने से समाज की सोच में बदलाव आता है। यह लड़कियों और महिलाओं को समान अधिकार और सम्मान दिलाने में मदद करता है। साथ ही, पुरुषों को भी इस विषय में शिक्षित करना ज़रूरी है ताकि वे महिलाओं का सहयोग कर सकें।

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स्वच्छता और सुरक्षा

पीरियड्स के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। जागरूकता से महिलाएं सैनिटरी नैपकिन, मेन्स्ट्रुअल कप जैसे सुरक्षित उत्पादों का उपयोग कर सकती हैं और संक्रमण से बच सकती हैं।

पीरियड्स को लेकर फैली गलतफहमियों को दूर करने के लिए जागरूकता फैलाना बेहद ज़रूरी है। यह न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य और सम्मान के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज को एक बेहतर दिशा में ले जाने के लिए भी ज़रूरी है। हमें इस विषय पर खुलकर बात करनी चाहिए और लड़कियों और महिलाओं को सही जानकारी देनी चाहिए। साथ ही, पुरुषों को भी इस मुद्दे पर संवेदनशील बनाना चाहिए ताकि वे महिलाओं का सहयोग कर सकें। पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, इसे शर्म का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए।

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Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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