Other Sources Of Calcium Except Milk: दूध एक पूर्ण आहार है जो हमारे शरीर में खासकर कैल्शियम और विटामिन D के स्रोत के रूप में काम करता हैं। दूध मे प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स और खास तौर पर लैक्टोस मिलता है जो कि एक प्रकार का शुगर है जो दूध को मीठा बनाता है। लेकिन कई लोग इस लैक्टोस को ठीक से नहीं पचा पाते क्योंकि उनके शरीर में लैक्टेस, जो कि लैक्टोज को तोड़ने के लिए आवश्यक एंजाइम होते हैं उनकी कमी होती है। ऐसी स्थिति को लैक्टोज इंटॉलरेंस का नाम दिया गया है। इस स्थिति मै दूध से बनी सभी चीजों के सेवन से बचना जरूरी हो जाता है जिस कारण शरीर मै मुख्य तौर पर कैल्शियम की कमी हो सकती हैं।
दूध को छोड़कर कैल्शियम के अन्य स्रोत
1. सोयाबीन
सोयाबीन एक अच्छा कैल्शियम स्रोत है। सोयाबीन से बने फूड आइटम्स जैसे कि सोया दाल, सोया मिल्क, टोफू, सोया फ्लौर, और सोया बीन्स व्यक्ति को एक अच्छी कैल्शियम की मात्रा प्रदान करते है। इसे अपने आहार में शामिल करने से कैल्शियम की कमी को बढ़ावा मिल सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो दूध या दूध के उत्पादों से एलर्जी हो सकती हैं।
2. मछली
नॉन वेजिटेरियन लोगो के लिए मछली एक अच्छा कैल्शियम पाने का खाना है, खासतौर पर सार्डीन, सैलमन, मैक्रेल, और तुना जैसी सफेद मछलियां। मछली न केवल कैल्शियम बल्कि अन्य पोषण सामग्री जैसे कि प्रोटीन, ओमेगा-3 फैट्स, और विटामिन D का भी एक अच्छा स्रोत है इसलिए, मछली को अपने आहार में शामिल करना एक अच्छा ऑप्शन हैं।
3. चिया सीड्स
इसमें कैल्शियम होता है। चिया सीड्स को आप अपने आहार में शामिल करके विभिन्न पोषण तत्वों का स्रोत बना सकते हैं, जिससे शरीर को आवश्यकता के अनुसार कैल्शियम मिल सकता है। चिया सीड्स, कैल्शियम के साथ-साथ अन्य पोषण सामग्री भी प्रदान करती है, जैसे कि ओमेगा-3 फैट्स, प्रोटीन, फाइबर आदि।
4. सफेद तिल
सफेद तिल को सलाद, चटनी, या अन्य अलग प्रकार के खाने में शामिल किया जा सकता है, जिससे आप इससे पौष्टिक तत्व और कैल्शियम पा सकते हैं। बता दे कि सफेद तिल मै भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। यह एक पौष्टिक बीज है जिसमे और भी तत्व जैसे कि मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आण्विक तत्व, प्रोटीन, और विटामिन बी6 भी पाएं जाते हैं।
5. रागी
एक पौष्टिक खाना है जो कैल्शियम के साथ-साथ अन्य मिनरल्स, प्रोटीन, फाइबर, और विटामिन्स का भी एक अच्छा स्रोत है। इसमें कैल्शियम की मात्रा भी बहुत अधिक होती है, जिससे हड्डियों और दाँतो को लाभ मिलता है। रागी को भूनकर और फिर पिसकर अथवा चपातियों, दोसा, और इडली के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसका सेवन किसी भी आयु के लोगों के लिए फायदेमंद होता है।