Pregnancy Talks: महिलाओं को गर्भावस्था में सुन्नपन और झनझनाहट क्यों होती है? जानिए कारण और आसान इलाज

गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को हाथों और पैरों में सुन्नपन और झनझनाहट का अनुभव होता है। जानिए इसके संभावित कारण,और इसे कम करने के आसान उपाय।

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Sakshi Rai
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Photograph: (aptaclub)

Pregnancy Numbness & Tingling Causes and Easy Remedies: गर्भावस्था एक खूबसूरत लेकिन चुनौतीपूर्ण सफर होता है, जिसमें महिलाओं को कई तरह के शारीरिक बदलावों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं में से एक आम समस्या है हाथों और पैरों में सुन्नपन और झनझनाहट महसूस होना। यह समस्या कई महिलाओं को गर्भावस्था के अलग-अलग चरणों में हो सकती है, जिससे असहजता बढ़ सकती है। लेकिन चिंता की बात नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर अस्थायी होती है और कुछ आसान उपायों से इसे कम किया जा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि गर्भावस्था में सुन्नपन और झनझनाहट क्यों होती है, इसके कारण क्या हैं और इसे दूर करने के प्रभावी उपाय कौन-कौन से हैं।

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महिलाओं को गर्भावस्था में सुन्नपन और झनझनाहट क्यों होती है? जानिए  कारण और आसान इलाज

गर्भावस्था एक महिला के जीवन का खास और संवेदनशील समय होता है। इस दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जो कभी-कभी असहजता और परेशानी का कारण बन सकते हैं। इनमें से एक आम समस्या है हाथों और पैरों में सुन्नपन और झनझनाहट महसूस होना। यह समस्या गर्भावस्था के किसी भी चरण में हो सकती है और कई महिलाओं को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करती है।गर्भावस्था के दौरान होने वाली ये समस्याएं आम हैं और ज्यादातर मामलों में डिलीवरी के बाद ठीक हो जाती हैं। लेकिन अगर समस्या ज्यादा बढ़ रही हो या लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

गर्भावस्था में सुन्नपन और झनझनाहट के कारण

  1. शरीर में बढ़ता दबाव: गर्भावस्था के दौरान बढ़ता वजन शरीर के कई हिस्सों, खासकर हाथों और पैरों की नसों पर दबाव डालता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है, जिससे सुन्नपन या झनझनाहट महसूस होती है।

  2. कार्पल टनल सिंड्रोम: गर्भावस्था में हाथों और कलाई में सूजन के कारण कार्पल टनल पर दबाव पड़ सकता है, जिससे उंगलियों और हाथ में सुन्नपन और झनझनाहट होने लगती है।

  3. शरीर में तरल पदार्थ का बढ़ना: इस दौरान शरीर में फ्लूइड रिटेंशन यानी तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे नसों पर असर पड़ता है और झनझनाहट की समस्या हो सकती है।

  4. कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी: गर्भावस्था में पोषण का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। अगर शरीर में कैल्शियम या मैग्नीशियम की कमी होती है, तो नसों और मांसपेशियों पर असर पड़ सकता है, जिससे झनझनाहट या ऐंठन हो सकती है।

  5. ब्लड सर्कुलेशन में बदलाव: गर्भावस्था के दौरान रक्त प्रवाह का स्तर बदल जाता है, जिससे हाथों और पैरों में सुन्नपन महसूस हो सकता है।

झनझनाहट और सुन्नपन से राहत के आसान उपाय

  1. पोजिशन बदलें: एक ही स्थिति में ज्यादा देर बैठने या सोने से सुन्नपन की समस्या बढ़ सकती है, इसलिए समय-समय पर अपनी पोजिशन बदलें।

  2. हल्की एक्सरसाइज करें: गर्भवती महिलाओं के लिए हल्की स्ट्रेचिंग और वॉक ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने में मदद कर सकती है।

  3. हाइड्रेशन बनाए रखें: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में फ्लूइड बैलेंस बना रहता है और सूजन कम होती है।

  4. मालिश करें: हल्की तेल मालिश से ब्लड फ्लो सही होता है और मांसपेशियों की जकड़न दूर होती है।

  5. संतुलित आहार लें: कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन-बी युक्त आहार लें, जिससे नसों को मजबूती मिले।

  6. आरामदायक मुद्रा में सोएं: गर्भावस्था के दौरान करवट लेकर सोना (विशेष रूप से बाईं ओर) ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है और झनझनाहट की समस्या को कम करता है।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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