मैदा गेहूं से ही बनता है। यह बस आटे का रिफाइंड रूप होता है जिसे पचाना आसान नहीं होता। मैदा बनाने के लिए आटे को बहुत ही बारीक और छोटा छोटा पीसा जाता है। आजकल लोगों को पिज़्ज़ा, पास्ता, मैगी, आदि फूड खाने का शौक है क्योंकि यह बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं जिसमें आधा को आप इतने ही चाव से खाते हैं वह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं?
आपने अक्सर बड़े लोगों को कहते सुना होता कि पास्ता और नूडल्स जैसे उटपटांग चीजें मत खाया करो यह सेहत के लिए अच्छी नहीं होती। उनकी यह बात 100 टका सच है क्योंकि यह मैदा से बनी होती है जो हमारी आंतों के लिए हानिकारक होती है। गेहूं हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है लेकिन इस से बनी मैदा हमारे लिए उतनी ही हानिकारक है।
मैदा के नुकसान -
1. मोटापा बढ़ाए
बोस्टन मैं बच्चों के अस्पताल के मोटापा निवारण केंद्र के निदेशक डेविड लुगविड के मुताबिक अमेरिका के अधिकतर लोग ट्रांस फैट को अत्यधिक मात्रा में कंज्यूम करते हैं। इसमें रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और रिफाइंड ग्रीन शामिल है जो हमारे स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालते हैं। इसी कारण अमेरिका के लोगों की डाइट बिल्कुल भी स्वस्थ नहीं है और वहां के लोग ज्यादातर मोटे होते हैं।
2. एसिड एल्कलाइन संतुलन नष्ट
हमारे शरीर का स्वास्थ पीएच विज्ञान के मुताबिक 7.4 होता है जिसका मतलब न्यूट्रल है। इसका मतलब होता है कि हमारे शरीर में ऐसे और देश दोनों की मात्रा बराबर हो। अगर किसी भी कारणवश शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो हमारी हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं। शोध के अनुसार मैदा का सेवन हमारी हड्डियों के लिए हानिकारक होता है। ग्रेन मे एसिड की मात्रा अधिक होती है जो हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती है।
3. हाई ब्लड शुगर लेवल
अधिकतर लोगों को यह भ्रम है कि गेहूं से बनी चीजें हमारी सेहत के लिए लाभकारी होती हैं। सच तो यह है कि गेहूं में मौजूद कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर के लिए किसी भी अन्य कार्बोहाइड्रेट के मुकाबले ज्यादा हानिकारक होता है। इसमें शुगर की मात्रा अधिक होती है। ब्रेड के दो स्लाइस आपके शरीर में 6 चम्मच चीनी से भी ज्यादा ब्लड शुगर लेवल बढ़ा देते हैं।
4. शरीर में सूजन
अनाज खाने से हमारे शरीर में सूजन की समस्या हो सकती है। अनाज का किसी भी रूप में सेवन करने से हमारा ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और रक्त में ग्लूकोज बनता है। ब्लड मैं मौजूद ग्लूकोज अपने आसपास के प्रोटीन को खुद से जोड़ लेता है। यह एक केमिकल रिएक्शन है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे इन्फ्लेमेशन और हृदय रोग के अलावा सूजन जैसी बीमारियां हो सकती हैं।