Side Effects Of Hair Removal Cream: महिलाओं के शरीर का सबसे संवेदनशील त्वचा वजाइना होती हैं। जिसकी खास देखभाल करनी ज़रूरी होती है, लेकिन बिजी लाइफस्टाइल के कारण हमें हर चीज मिनट में करने की आदत हो गई है। जो कि यह आदत हमारी सेहत के लिए भारी पड़ जाती है। इस तरह हम अपने शरीर पर आए अनचाहे बाल को हटाने के लिए जल्दबाजी में कई तरीके अजमाते हैं। उन्हीं में से एक है प्यूबिक हेयर। जिसकी साफ-सफाई करने के लिए कई महिलाएं हेयर रिमूवल क्रीम का इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि यह उन्हें आसान और हेल्दी लगता है लेकिन सही मायने में यह आपके लिए कई तरीकों के जोखिमों का कारण बन सकता हैं। जिसके प्रति सावधानी बरतनी ज़रूरी होती है।
वजाइनल हेल्थ को कैसे नुकसान पहुंचाती है हेयर रिमूवल क्रीम?
कई महिलाएं अपने प्यूबिक हेयर को हटाने के लिए अनेक तरह के हेयर रिमूवल क्रीम का इस्तेमाल करती हैं। जो धीरे-धीरे गंभीर समस्याओं का कारण बन जाता है, क्योंकि इस रिमूवल क्रीम के कई साइड इफेक्ट्स होते हैं। जिसे यूज़ करने के पहले हर महिला को जानना बेहद ज़रूरी होता है।
1. बैक्टीरियल इनफेक्शन
हेयर रिमूवल क्रीम में कई तरह के केमिकल्स मौजूद होते हैं। जो वजाइना के स्किन को ड्राई कर देते हैं। जिससे बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसके इस्तेमाल से आपकी योनि की त्वचा पर इनग्रेन हेयर आ जाती है। जिससे आपको रेडनेस, खुजली और फंगल संक्रमण का खतरा हो सकता है।
2. रासायनिक जलन
इंटीमेट एरिया की त्वचा नाजुक और संवेदनशील होती है। ऐसे में यदि स्किन पर हेयर रिमूवल क्रीम को लगाकर कुछ देर तक छोड़ दिया जाएं तो उस जगह पर केमिकल बर्न हो सकती है। जिससे आपको जलन महसूस होने लगती है।
3. यूटीआई का खतरा
प्यूबिक हेयर को हटाने के लिए हेयर रिमूवल क्रीम का इस्तेमाल से यूटीआई यानी यूरीनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है, क्योंकि इन सारे क्रीम में कई प्रभावित केमिकल मौजूद होते हैं। जो बाल को काट देते हैं। इस दौरान इसका थोड़ा सा भी अंश इंटीमेट एरिया के आसपास रह जाएं तो यह वॉल्वा को संक्रमित कर देता है और जिससे यूटीआई संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
4. स्किन एलर्जी
केमिकल युक्त हेयर रिमूवल क्रीम आपकी त्वचा को इरिटेट कर सकती है। जिससे उस जगह पर रैशेज निकल आते हैं। साथ ही वहां की स्किन इरिटेट हो जाती है, जो खुजली का कारण बन जाता है।
5. एसटीडी का खतरा
हेयर रिमूवल क्रीम द्वारा प्यूबिक हेयर को हटाने से कई बार एसटीडी यानी यौन संचारित संक्रमण जैसे- यूरिन इन्फेक्शन, एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही ह्यूमन पेपिलोमा वायरस का भी खतरा होता है।
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