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आज भारत में मानसिक स्वास्थ्य ऐसा विषय हैं जो 10 में से एक व्यक्ति को तो प्रभावित करता हैं, लेकिन साथ ही समाज अब उसके इलाज के लिए प्रेरित करता हैं लेकिन क्या शरीर मानसिक स्वास्थ्य के इलाज से परेशान नहीं हैं?
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NMHS) 2015-16 के सर्वेक्षण के अनुसार, 10.6% वयस्क(Adult) मानसिक विकारों से पीड़ित थे, और जीवनकाल व्यापकता 13.7% थी। आज जब मानसिक इलाज के लिए प्रेरित किया जाता हैं तो साथ ही सबसे बड़ा प्रश्न उठता हैं कि क्या इलाज के sideeffect होंगे ?और कैसे दवाईयां शरीर को खोखला कर रही है?
Side-Effects of Medicine: मेंटल हेल्थ जरूरी, पर दवाइयों के साइड इफेक्ट्स से रहें सावधान
मानसिक विकार में दवाईयां क्यों हैं जरूरी ?
आज किसी भी मानसिक विकार चाहे वह डिप्रेशन हो या एंग्जाइटी उनसे तुरंत राहत के लिए या उनसे व्यक्ति को बैचेनी से बचाने के लिए दवाइयों को इस्तेमाल किया जाता हैं। कई बार मानसिक विकार के चलते व्यक्ति की दैनिक क्रियाएं और सुकून जैसे छिन जाता हैं, तो उससे प्रभावित न होने या उससे राहत देने के लिए दवाइयों का प्रयोग किया जाता हैं। लेकिन भारत में जब मानसिक रोग शुरुआती स्तर पर होता हैं, तो उसको नजरअंदाज कर दिया जाता हैं, ऐसे में वह बढ़ जाता हैं, और गहरा हो जाता हैं , और व्यक्ति को बचाने के लिए बहुत सारी दवाइयों का प्रयोग किया जाता हैं, जो व्यक्ति को अन्दर से खोखला भी कर देती हैं।
क्या हैं दवाइयों के साइड इफेक्ट्स?
मानसिक स्वास्थ्य सबसे अहम विषय होने के साथ इसके इलाज को लेकर भ्रांतियां भी होती हैं, कि "इसकी दवाईयां जीवन भर लेने पड़ेगी" "क्या यह हमें और रोग से ग्रस्त कर देगा?" ऐसे में इन प्रश्नों के चलते मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज किया जाता हैं, पर विशेषज्ञों के अनुसार अगर दवाईयां या इसका इलाज़ न किया जाएं तो यह स्थिति को और अधिक प्रभावित कर सकता हैं।
लेकिन क्या सचमें दवाईयां side-effects करती हैं?
इसका जवाब हैं हां कुछ हद तक, लेकिन इतना नहीं जितना इसे बताया जाता हैं, कहीं बार Depression की दवाईयां वजन बढ़ाना या हार्ट रेट बढ़ा देना ऐसे side effcts दे सकती हैं। लेकिन इन्हें सही दिनचर्या और देखभाल से ठीक किया जा सकता हैं। यह सिर्फ मानसिक इलाज की नहीं हर दवाईयां चाहे वह बुखार की हो कही न कहीं थोड़ा प्रभाव डालती हैं। लेकिन उनके प्रभाव को रोका जा सकता हैं यदि उसके बाद सही दिनचर्या और जीवन जीने की आदत डाल दिया जाएं।
Today, @TheLancet published its most sweeping recommendations on lifestyle modifications as a treatment modality for mental health.
— Robert Y. Chen (@therealRYC) September 3, 2025
"Delivered by accredited exercise physiologists, dieticians, and peer support workers."
Treat lifestyle as a prescription @NTFabianopic.twitter.com/tQQ4SaWQqW
National Library of Medicine के अनुसार मानसिक रोग जैसे डिप्रेशन की दवाईयां side effects जैसे मुंह का सूखना, dizziness रहना , सिर दर्द, बैचेनी या यौन समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन कई बार यह अवसाद के लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसे में दवाईयां side-effects करती हैं लेकिन उन्हें सही लाइफ स्टाइल से ठीक किया जा सकता हैं।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।
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