30 की उम्र में अधिक होता है Premenstrual Syndrome? जानें कुछ महत्वपूर्ण बातें

हैल्थ: प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) महिलाओं में पीरियड्स के पहले कुछ दिनों में होने वाले शारीरिक और मानसिक लक्षण शामिल है। यह परेशानी का कारण बन सकता है।

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Saniya Naaz
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(Image credit: Pinterest)

Women Talk: प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) महिलाओं में पीरियड्स के पहले कुछ दिनों में होने वाले शारीरिक और मानसिक लक्षण शामिल है। यह एक सामान्य स्थिति है, लेकिन कई महिलाओं के लिए यह परेशानी का कारण बन सकता है। खासकर 30 साल की उम्र में, जब महिलाएं करियर, परिवार और अन्य जिम्मेदारियों के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश कर रही होती हैं, PMS के लक्षण अधिक प्रकट हो सकते हैं। 

30 की उम्र में PMS का बढ़ना?

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30 साल की उम्र में कई महिलाएं अलग अलग कारणों से PMS के लक्षणों का अधिक अनुभव करती हैं।

1. हार्मोनल परिवर्तन

 इस उम्र में महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के लेवल में उतार-चढ़ाव होता है। ये हार्मोन PMS के लक्षणों को प्रभावित करते हैं और अक्सर गंभीरता बढ़ाते हैं।

2. तनाव और जीवनशैली

इस उम्र में महिलाएं करियर, परिवार और अन्य सामाजिक जिम्मेदारियों का सामना करती हैं। इन दबावों के कारण मानसिक तनाव बढ़ सकता है, जो PMS के लक्षणों को और बढ़ा सकता है।

3. जीवित शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य

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यदि महिला की जीवनशैली अस्वस्थ है, जैसे कि कम नींद में ज्यादा देर तक जागना, अस्वस्थ आहार खानें पीने में लापरवाही करना, और व्यायाम की कमी, तो यह PMS को और गंभीर बना सकता है।

PMS के लक्षण

1. शारीरिक लक्षण

पेट में ऐंठन PMS के सबसे सामान्य लक्षणों में से एक है पेट में ऐंठन। यह मासिक धर्म से एक सप्ताह पहले शुरू हो सकता है और मासिक धर्म के दौरान बढ़ सकता है। ऐंठन का अनुभव हल्का या तीव्र हो सकता है।

सूजन

महिलाओं को इस दौरान शरीर के विभिन्न हिस्सों, खासकर हाथों और पैरों में सूजन का अनुभव हो सकता है। यह पानी के संचय के कारण होता है, जो हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है।

थकान

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PMS के लक्षणों में थकान और कमजोरी भी शामिल हैं। महिलाएं इस समय ऊर्जा की कमी महसूस कर सकती हैं, जिससे दैनिक गतिविधियों में कठिनाई होती है।

सिरदर्द

हार्मोनल परिवर्तनों के कारण सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह सामान्यतः मासिक धर्म से पहले शुरू होता है और कई दिनों तक बना रह सकता है।

मांसपेशियों में दर्द

कुछ महिलाएं मांसपेशियों में दर्द या तनाव का अनुभव करती हैं, जो उन्हें असहज कर सकता है।

2. मानसिक लक्षण

मूड स्विंग

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 PMS के दौरान मूड में तेजी से बदलाव आ सकते हैं। महिलाएं कभी खुश और कभी उदास या चिड़चिड़ी महसूस कर सकती हैं, जिससे सामाजिक जीवन प्रभावित हो सकता है।

चिंता और अवसाद

PMS से प्रभावित महिलाएं अक्सर चिंता या अवसाद का अनुभव करती हैं। यह भावनात्मक अस्थिरता को जन्म देता है और दैनिक जीवन में कठिनाई पैदा कर सकता है।

ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई

PMS के लक्षण मानसिक थकान का कारण बन सकते हैं, जिससे ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। यह कार्यस्थल पर प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।

खाने की इच्छाएं

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PMS के दौरान महिलाओं में खाने की इच्छाएं बढ़ जाती हैं। विशेषकर मीठा या नमकीन खाने की इच्छा होती है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा भी होता है।

नींद में परेशानी

PMS के कारण नींद की समस्या उत्पन्न हो सकती है। कुछ महिलाएं सोने में कठिनाई का अनुभव करती हैं, जबकि अन्य को अत्यधिक नींद आने की समस्या होती है।

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