IVF: संतान प्राप्ति का यह नया रास्ता, जानिए IVF के बारे में

मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी ने IVF के जरिए बच्चों को जन्म दिया। जानें इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) क्या है, इसकी प्रक्रिया, फायदे और नुकसान।

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Vaishali Garg
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What Is IVF? इन दिनों देश की जानी-मानी हस्ती मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी की चर्चा हर तरफ है। उन्होंने हाल ही में बताया कि उनके दोनों बच्चों का जन्म इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक की मदद से हुआ है। ईशा अंबानी के इस खुलासे के बाद से कई लोगों के मन में यह सवाल उठा है कि आखिर ये IVF टेक्नोलॉजी है क्या? तो चलिए आज हम इस लेख में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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IVF: संतान प्राप्ति का यह नया रास्ता, जानिए IVF के बारे में 

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) क्या है?

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) का मतलब होता है "इन विट्रो" यानी प्रयोगशाला के ग्लासवेयर में निषेचन। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसकी मदद से उन दंपत्तियों का इलाज किया जाता है जिन्हें प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण करने में परेशानी होती है। इस तकनीक में महिला की अंडाणियों से अंडा निकाला जाता है और फिर उसे प्रयोगशाला में शुक्राणुओं के साथ मिलाया जाता है, जिससे निषेचन होता है। इसके बाद निषेचित अंडे (एम्ब्रियो) को कुछ दिनों के लिए विकसित होने दिया जाता है और फिर उसे महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

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IVF किन स्थितियों में मददगार है?

  • महिला में अंडाणुओं की संख्या या गुणवत्ता कम होना
  • फैलोपियन ट्यूब में रुकावट
  • पुरुष में शुक्राणुओं की कमी या कमजोरी
  • एंडोमेट्रियोसिस
  • उम्र संबंधी बांझपन

IVF प्रक्रिया के चरण

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प्रेरण और अंडाशय निगरानी: दवाओं की मदद से अंडाशयों में अंडाणुओं का विकास बढ़ाया जाता है। इस दौरान अंडाशयों की निगरानी भी की जाती है।

अंडा निकालना: एक छोटी सी सर्जिकल प्रक्रिया के जरिए अंडाशयों से परिपक्व अंडाणुओं को निकाला जाता है।

शुक्राणु संग्रहण: पुरुष से वीर्य का नमूना लिया जाता है।

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निषेचन: प्रयोगशाला में अंडाणुओं को शुक्राणुओं के साथ मिलाया जाता है, जिससे निषेचन होता है।

एम्ब्रियो विकास: निषेचित अंडे (एम्ब्रियो) को कुछ दिनों के लिए विशेष परिस्थितियों में विकसित होने दिया जाता है।

एम्ब्रियो ट्रांसफर: चुने हुए एम्ब्रियो को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

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गर्भधारण परीक्षण: कुछ हफ्तों बाद गर्भावस्था की जांच की जाती है।

IVF के फायदे

  • बांझपन से जूझ रहे दंपत्तियों को संतान प्राप्ति का एक रास्ता प्रदान करता है।
  • आनुवांशिक रोगों के जोखिम को कम करने के लिए आनुवांशिक परीक्षण के साथ किया जा सकता है।
  • दाता अंडाणु या शुक्राणु का उपयोग किया जा सकता है।
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IVF के कुछ नुकसान

  • यह एक महंगी प्रक्रिया है।
  • इसमें कई चरण होते हैं जो शारीरिक और भावनात्मक रूप से थकाऊ हो सकते हैं।
  • हर बार सफलता की गारंटी नहीं होती है।

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) एक ऐसी तकनीक है जिसने बांझपन से जूझ रहे कई दंपत्तियों को माता-पिता बनने का सपना पूरा करने में मदद की है। हालांकि, यह एक जटिल प्रक्रिया है और इसके अपने फायदे और नुकसान हैं। किसी भी निर्णय लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।

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